अफगान नागरिक की मुंबई में पहचान उजागर: फर्जी दस्तावेजों के साथ 11 महीने की जेल
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38 वर्षीय हबीबुल्लाह प्रांग, अफगानिस्तान के पाकिता प्रांत के तामेर जुरमत जिले का निवासी, 2007 से मुंबई के वडाला इलाके में रह रहा था। उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए जहीर अली खान के नाम से पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिए थे।
फरवरी 2024 में मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट-5 ने रेड के दौरान हबीबुल्लाह को गिरफ्तार किया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 465, 468 और 471 समेत पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया।
मुंबई/ मुंबई में 18 साल से अपनी पहचान छुपाकर रह रहे अफगान नागरिक हबीबुल्लाह प्रांग को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दोषी पाया है। उसे 11 महीने की जेल और 8000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इसके बाद उसे अफगानिस्तान डिपोर्ट करने का आदेश दिया गया है। 38 वर्षीय हबीबुल्लाह प्रांग, अफगानिस्तान के पाकिता प्रांत के तामेर जुरमत जिले का निवासी, 2007 से मुंबई के वडाला इलाके में रह रहा था। उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए जहीर अली खान के नाम से पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिए थे। फरवरी 2024 में मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट-5 ने रेड के दौरान हबीबुल्लाह को गिरफ्तार किया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 465, 468 और 471 समेत पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया। यूनिट इंचार्ज घनश्याम नायर, जांच अधिकारी सदानंद येरेकर, कोर्ट ऑफिसर विजय बेंडाले, और कांस्टेबल राऊसाहेब फुंडे ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने हबीबुल्लाह को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। सजा पूरी करने के बाद उसे अफगानिस्तान वापस भेजा जाएगा।