प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना: महिला सशक्तिकरण के लिए बड़ा कदम
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मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि 3049.91 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। विशेष रूप से तमिलनाडु में 11,642 महिला लाभार्थियों को योजना के तहत लाभ पहुंचाया गया है।
महिलाओं को मत्स्यिकी क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (NFDB) ने कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन किया है। देशभर में 5,000 से अधिक महिला लाभार्थियों को इन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है।
महिला उद्यमियों को 60% तक सब्सिडी के साथ कुल परियोजना लागत की अधिकतम सीमा 5 करोड़ रुपये रखी गई है, जिसमें 1.5 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाती है। इन परियोजनाओं की निगरानी राज्य और जिला स्तर के अधिकारी करते हैं।
नई दिल्ली, 17 दिसंबर 2024
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत महिला सशक्तिकरण को विशेष प्राथमिकता देते हुए सरकार ने विगत चार वर्षों में 56,850 महिला लाभार्थियों को शामिल किया है। इसके अंतर्गत महिला लाभार्थियों को परियोजना लागत का 60% तक वित्तीय सहायता दी जाती है।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि 3049.91 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। विशेष रूप से तमिलनाडु में 11,642 महिला लाभार्थियों को योजना के तहत लाभ पहुंचाया गया है। राज्य में सी-वीड फार्मिंग को मिशन मोड में बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे मछुआरा महिलाओं और उनके परिवारों की आय और जीवन स्तर में सुधार सुनिश्चित हो सके।
महिलाओं की भागीदारी और योगदान
पीएमएमएसवाई के तहत महिलाएं मत्स्यिकी मूल्य श्रृंखला (फिशरीज़ वैल्यू चेन) के विभिन्न क्षेत्रों जैसे फिश फार्मिंग, हैचरी, सी-वीड कल्टीवेशन, बाइवाल्व कल्टीवेशन, फिश प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। उत्पादन से लेकर पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन तक, महिलाएं उद्यमिता को बढ़ावा देने और आजीविका सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
प्रशिक्षण और कौशल विकास
महिलाओं को मत्स्यिकी क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (NFDB) ने कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन किया है। देशभर में 5,000 से अधिक महिला लाभार्थियों को इन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है। इसके अतिरिक्त, स्टार्टअप को बढ़ावा देने और महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए उद्यमिता मॉडल विकसित किए गए हैं।
वित्तीय सहायता और निगरानी
महिला उद्यमियों को 60% तक सब्सिडी के साथ कुल परियोजना लागत की अधिकतम सीमा 5 करोड़ रुपये रखी गई है, जिसमें 1.5 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाती है। इन परियोजनाओं की निगरानी राज्य और जिला स्तर के अधिकारी करते हैं। वित्तीय और वास्तविक प्रगति की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा भी मॉनिटरिंग की जाती है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रभाव
पीएमएमएसवाई के विभिन्न घटकों के माध्यम से विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित समूहों की महिलाएं सशक्त हो रही हैं। योजना ने महिलाओं को जल कृषि और मत्स्यिकी में योगदान करने के अवसर उपलब्ध कराए हैं, जिससे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
केंद्र सरकार का यह प्रयास न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और मत्स्यिकी क्षेत्र के समग्र विकास में भी सहायक सिद्ध हो रहा है।