मुंबई में राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त एवं विकास निगम (NUCFDC) कार्यालय का उद्घाटन करेंगे अमित शाह
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी के बाद NUCFDC को शहरी सहकारी बैंकों के लिए एक अम्ब्रेला संगठन के रूप में स्थापित किया गया है। यह संगठन लगभग 1,500 शहरी सहकारी बैंकों को IT अवसंरचना और संचालन में सहायता प्रदान करेगा।
सहकारी समितियों के प्रदर्शन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से रैंकिंग फ्रेमवर्क पेश किया जाएगा। साथ ही, 11,352 बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए 1,135 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनके तहत 56,760 लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
मुंबई/ केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह 24 जनवरी 2025 को मुंबई में राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त एवं विकास निगम (NUCFDC) के कॉर्पोरेट कार्यालय का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” विजन को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सहकारी पहलों का शुभारंभ भी किया जाएगा।
कार्यक्रम में श्री अमित शाह अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के वार्षिक गतिविधियों के कैलेंडर का विमोचन करेंगे। साथ ही, 10,000 नवगठित बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम और प्राथमिक सहकारी समितियों के लिए रैंकिंग फ्रेमवर्क का शुभारंभ किया जाएगा।
शहरी सहकारी बैंकों को मिलेगा सहारा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी के बाद NUCFDC को शहरी सहकारी बैंकों के लिए एक अम्ब्रेला संगठन के रूप में स्थापित किया गया है। यह संगठन लगभग 1,500 शहरी सहकारी बैंकों को IT अवसंरचना और संचालन में सहायता प्रदान करेगा।
सहकारी समितियों के लिए रैंकिंग फ्रेमवर्क और प्रशिक्षण कार्यक्रम
सहकारी समितियों के प्रदर्शन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से रैंकिंग फ्रेमवर्क पेश किया जाएगा। साथ ही, 11,352 बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए 1,135 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनके तहत 56,760 लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के दौरान विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सहकारिता को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिलेगी। यह पहल ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन और आर्थिक समृद्धि में सहायक होगी।
इस कार्यक्रम से सहकारी क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार होगा और "सहकार से समृद्धि" के विजन को साकार करने में मदद मिलेगी।