डॉ. जितेंद्र सिंह ने 27वीं अंतर्राष्ट्रीय कांच कांग्रेस का किया उद्घाटन, भारत की प्रौद्योगिकी उन्नति पर डाला प्रकाश
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आईसीजी 2025 में 150 अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों सहित 550 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसरो के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने और बायो ई3 नीति को उल्लेखनीय उपलब्धियां बताते हुए कहा कि भारत अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी में मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम का आयोजन 20 से 24 जनवरी 2025 तक सीएसआईआर-केंद्रीय कांच और सिरेमिक अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीजीसीआरआई) द्वारा किया जा रहा है।
कोलकाता। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कोलकाता के विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर में आयोजित “27वीं अंतर्राष्ट्रीय कांच कांग्रेस (आईसीजी) 2025” का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन 20 से 24 जनवरी 2025 तक सीएसआईआर-केंद्रीय कांच और सिरेमिक अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीजीसीआरआई) द्वारा किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की प्रौद्योगिकी उन्नति
डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्घाटन समारोह में कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व संभालने के बाद से पिछले एक दशक में भारत ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अद्वितीय प्रगति की है। उन्होंने इसरो के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने और बायो ई3 नीति को उल्लेखनीय उपलब्धियां बताते हुए कहा कि भारत अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी में मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहा है।
विज्ञान के लिए बेहतर समय
मंत्री ने कहा कि भारत के लिए यह समय विज्ञान के क्षेत्र में सबसे अनुकूल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "2047 के विकसित भारत" के विजन को साकार करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत और उद्योग जगत के बीच तालमेल जीवन को सरल बनाने वाले विज्ञान के अंतिम लक्ष्य को साकार करने में सहायक होगा।
कांच के बढ़ते उपयोग पर जोर
डॉ. सिंह ने कांच के महत्व और इसकी पुनः प्रयोज्यता पर जोर देते हुए कहा कि यह सामग्री अब अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, प्रकाशिकी और रक्षा जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा, "कांच ने वास्तव में कांच की छत को तोड़ दिया है।"
वैश्विक प्रतिनिधित्व
आईसीजी 2025 में 150 अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों सहित 550 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय कांच आयोग के अध्यक्ष और टोक्यो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हिरोयुकी इनौए और सीएसआईआर-सीजीसीआरआई के निदेशक प्रोफेसर बिक्रमजीत बसु सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद थीं।