हिमाचल प्रदेश के सिल/सुनानी में रखी गई आदर्श तन्यक गांव की आधारशिला

Tue 21-Jan-2025,12:36 PM IST +05:30

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हिमाचल प्रदेश के सिल/सुनानी में रखी गई आदर्श तन्यक गांव की आधारशिला
  • परियोजना के तहत साइट-विशिष्ट निर्माण तकनीकों का उपयोग कर आश्रय, सड़क, पेयजल प्रणाली और सामुदायिक हॉल जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। 

  • आधारशिला कार्यक्रम में डीएसआईआर की सचिव और सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी मुख्य अतिथि थीं। 

  • यह पहल 14 अगस्त, 2023 को विनाशकारी बादल फटने और उसके बाद हुए भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र के पुनर्विकास के उद्देश्य से की गई है।

Delhi / New Delhi :

सोलन, हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बद्दी की बावसनी ग्राम पंचायत के सिल/सुनानी में 20 जनवरी, 2025 को आदर्श तन्यक गांव की आधारशिला रखी गई। यह पहल 14 अगस्त, 2023 को विनाशकारी बादल फटने और उसके बाद हुए भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र के पुनर्विकास के उद्देश्य से की गई है।

सामूहिक प्रयासों का परिणाम

यह परियोजना वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), हिमाचल प्रदेश सरकार, बाल रक्षा भारत और ज़ी एंटरटेनमेंट के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। परियोजना का उद्देश्य आश्रय, सड़क, पेयजल प्रणाली, स्कूल, स्वास्थ्य सुविधाएं और सामुदायिक केंद्र जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है, ताकि आपदा प्रभावित क्षेत्र को पुनर्जीवित किया जा सके।

कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियां शामिल

आधारशिला कार्यक्रम में डीएसआईआर की सचिव और सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी मुख्य अतिथि थीं। उनके साथ हिमाचल प्रदेश के विधायक श्री राम कुमार चौधरी, सोलन के उपायुक्त श्री मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार धीमान और बद्दी के एसडीएम श्री विवेक महाजन ने भी भाग लिया।

ग्रामीण जीवन स्तर सुधारने की प्रतिबद्धता

डॉ. एन. कलैसेल्वी ने कहा कि यह परियोजना ग्रामीण जीवन स्तर को सुधारने और बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के माध्यम से सतत विकास को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है। उन्होंने अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भी इसी तरह की परियोजनाओं के लिए सीएसआईआर की तकनीकी विशेषज्ञता की प्रतिबद्धता को दोहराया।

तकनीकी योगदान और प्रदर्शनी

सीएसआईआर-सीबीआरआई के निदेशक प्रो. आर. प्रदीप कुमार ने बताया कि परियोजना के तहत साइट-विशिष्ट निर्माण तकनीकों का उपयोग कर आश्रय, सड़क, पेयजल प्रणाली और सामुदायिक हॉल जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया, जिसमें आपदा के बाद लचीली निर्माण तकनीकों को प्रदर्शित किया गया।

स्थानीय समुदाय की सहभागिता

इस कार्यक्रम में स्थानीय निवासियों, पंचायत सदस्यों और महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने इसे आपदा प्रबंधन और सतत विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।

यह पहल भारत सरकार की आपदा प्रभावित क्षेत्रों को मजबूत और सतत विकास की ओर ले जाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।