रायपुर में महिला शिक्षकों पर पुलिस की बदसलूकी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उठाए सवाल
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शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों ने उन पर चढ़ाई की और शारीरिक रूप से परेशान किया। शिक्षिकाओं ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि प्रदर्शन स्थल पर महिला पुलिसकर्मियों की गैरमौजूदगी ने हालात को और बिगाड़ दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना का वीडियो साझा करते हुए बीजेपी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "बेटियों के साथ ऐसा व्यवहार छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर धब्बा है। बीजेपी सरकार ने महिला शिक्षकों की इज्जत पर प्रहार किया है।"
छत्तीसगढ़ में 3000 सहायक शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निलंबित कर दिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि उनकी नियुक्ति NCTI के नियमों के तहत सही तरीके से हुई थी।
रायपुर/ छत्तीसगढ़ में 3000 सहायक शिक्षकों की बर्खास्तगी के खिलाफ जारी प्रदर्शन के दौरान महिला शिक्षकों और पुलिस के बीच झड़प का मामला सामने आया है। महिला शिक्षकों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें नशे की हालत में बदसलूकी और हिंसा का जिक्र किया गया है।
महिला शिक्षकों ने लगाए पुलिस पर गंभीर आरोप
महिला शिक्षकों का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने नशे में उनके कपड़े खींचे, बाल पकड़े और दुपट्टा छीनने की कोशिश की। शिक्षिकाओं का आरोप है कि प्रदर्शन स्थल पर महिला पुलिसकर्मियों को भेजने के बजाय पुरुष पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया, जिन्होंने अभद्रता की।
भूपेश बघेल ने की कड़ी निंदा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना का वीडियो साझा करते हुए बीजेपी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "बेटियों के साथ ऐसा व्यवहार छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर धब्बा है। बीजेपी सरकार ने महिला शिक्षकों की इज्जत पर प्रहार किया है।" बघेल ने इस घटना को छत्तीसगढ़ के इतिहास का काला अध्याय बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, व मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की।
पुलिस और प्रशासन पर सवाल
महिला शिक्षकों ने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों ने उन पर चढ़ाई की और शारीरिक रूप से परेशान किया। शिक्षिकाओं ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि प्रदर्शन स्थल पर महिला पुलिसकर्मियों की गैरमौजूदगी ने हालात को और बिगाड़ दिया।
घटना का वीडियो वायरल
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग पुलिस के इस व्यवहार की कड़ी आलोचना कर रहे हैं और सरकार से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।
निष्कासन पर चल रहा विरोध
छत्तीसगढ़ में 3000 सहायक शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निलंबित कर दिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि उनकी नियुक्ति NCTI के नियमों के तहत सही तरीके से हुई थी।