QS World Future Skills Index 2025 Report: अमेरिका के बाद जॉब मार्केट के पेशेवर में भारत दूसरे नंबर पर
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भारत ने फ्यूचर ऑफ वर्क के श्रेणी में 99.1 अंक प्राप्त किए हैं, जो इसे अमेरिका के बाद दूसरा स्थान देता है। यह उच्च स्कोर भारत की वैश्विक नौकरी बाजार में योगदान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीकों को अपनाने की तत्परता को दर्शाता है।
अकादमिक रेडीनेस श्रेणी में भारत ने 89.9 अंक हासिल किए हैं और इसे 26वां स्थान मिला है। यह प्रदर्शन उच्च शिक्षा में सुधार और छात्रों को नई तकनीकों के अनुकूल बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का परिणाम है।
भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, युवा जनसंख्या, और स्टार्टअप संस्कृति इसे एक वैश्विक नेता के रूप में उभरने का अवसर देती है। क्यूएस के उपाध्यक्ष माटेओ क्वाक्वेरेली ने भारत की जीडीपी वृद्धि और युवा जनसंख्या को इसकी सबसे बड़ी ताकत बताया। 2025 से 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था के औसतन 6.5% प्रति वर्ष की दर से बढ़ने का अनुमान है।
New Delhi/ लंदन में गुरुवार को क्यूएस ने पहला फ्यूचर स्किल इंडेक्स 2025 की रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में भारत को उभरती हुई तकनीकों में भविष्य में मांग वाले कौशल के लिए सबसे तैयार नौकरी बाजारों में दूसरा स्थान दिया है। जिसमें पहले स्थान पर अमेरिका है वहीं अब दूसरे स्थान पर भारत में अपनी स्थिति मजबूत की है।
भारत के युवा अपनी अद्वितीय कौशल और प्रतिभा के माध्यम से वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहे हैं। हाल ही में प्रकाशित क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स 2025 में भारत ने 25वां स्थान हासिल किया है। यह सूचकांक उच्च शिक्षा, स्नातकों के कौशल विकास, और वैश्विक कार्यबल की बदलती जरूरतों के आधार पर देशों की स्थिति को दर्शाता है।
जानिए World Future Skill Index का उद्देश्य और संरचना
यह सूचकांक चार प्रमुख संकेतकों पर आधारित है:
- स्किल फिट: युवाओं की मौजूदा कौशल को वैश्विक नौकरी बाजार की जरूरतों के साथ जोड़ने की क्षमता।
- फ्यूचर ऑफ वर्क: उभरती नौकरी प्रवृत्तियों और तकनीकी परिवर्तन के संदर्भ में देश की तत्परता।
- अकादमिक रेडीनेस: उच्च शिक्षा का स्तर और स्नातकों को तैयार करने की दक्षता।
- आर्थिक रूपांतरण: देश की अर्थव्यवस्था में नवाचार और सतत विकास के प्रयास।
भारत ने इन सभी श्रेणियों में प्रगति की है, हालांकि इसमें कुछ सुधार की भी आवश्यकता है।
World Future Skill Index में भारत का प्रदर्शन
1. फ्यूचर ऑफ वर्क: भारत ने इस श्रेणी में 99.1 अंक प्राप्त किए हैं, जो इसे अमेरिका के बाद दूसरा स्थान देता है। यह उच्च स्कोर भारत की वैश्विक नौकरी बाजार में योगदान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीकों को अपनाने की तत्परता को दर्शाता है।
2. अकादमिक रेडीनेस: अकादमिक रेडीनेस श्रेणी में भारत ने 89.9 अंक हासिल किए हैं और इसे 26वां स्थान मिला है। यह प्रदर्शन उच्च शिक्षा में सुधार और छात्रों को नई तकनीकों के अनुकूल बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का परिणाम है।
3. स्किल फिट: स्किल फिट श्रेणी में भारत 59.1 अंकों के साथ 37वें स्थान पर है। यह संकेत करता है कि देश को युवाओं के कौशल और उद्योग की जरूरतों के बीच तालमेल बिठाने के लिए और कदम उठाने होंगे।
4. आर्थिक रूपांतरण: आर्थिक रूपांतरण श्रेणी में भारत ने 58.3 अंक प्राप्त किए और 40वें स्थान पर रहा। इसमें सुधार की गुंजाइश है, खासकर रिसर्च और डेवलपमेंट में निवेश बढ़ाने और ग्रीन टेक्नोलॉजी को अपनाने में।
भारत के सामने प्रमुख चुनौतियां
- शोध और विकास में कमी: देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है, लेकिन रिसर्च और डेवलपमेंट में निवेश की कमी भारत की प्रगति को धीमा कर सकती है।
- ग्रीन स्किल्स और पर्यावरणीय नीति: भारत अपने पर्यावरणीय लक्ष्यों को पूरा करने से अभी भी दूर है।
- उद्योग-अकादमिक सहयोग: भारतीय विश्वविद्यालयों को उद्योग के साथ मिलकर काम करने और छात्रों को व्यावहारिक कौशल सिखाने की जरूरत है।
रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशें
- सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर: उच्च शिक्षा संस्थानों को ग्रीन टेक्नोलॉजी और स्थिरता को प्राथमिकता देनी चाहिए।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: यह नीति वयस्क शिक्षा और डिजिटल कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करती है। इसे तेजी से लागू करना आवश्यक है।
- AI और डिजिटल कौशल: छात्रों को AI, मशीन लर्निंग, और अन्य डिजिटल कौशलों में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
वैश्विक स्तर पर भारत की क्षमता
भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, युवा जनसंख्या, और स्टार्टअप संस्कृति इसे एक वैश्विक नेता के रूप में उभरने का अवसर देती है। क्यूएस के उपाध्यक्ष माटेओ क्वाक्वेरेली ने भारत की जीडीपी वृद्धि और युवा जनसंख्या को इसकी सबसे बड़ी ताकत बताया। 2025 से 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था के औसतन 6.5% प्रति वर्ष की दर से बढ़ने का अनुमान है। यह वृद्धि भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ाएगी।
भारत ने क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स में 25वां स्थान प्राप्त कर यह साबित किया है कि वह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। हालांकि, उसे रिसर्च और डेवलपमेंट, उद्योग-अकादमिक सहयोग, और पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्रों में सुधार करने की आवश्यकता है।
युवाओं का कौशल विकास और उच्च शिक्षा प्रणाली में नवाचार भारत को वैश्विक मंच पर एक अग्रणी भूमिका निभाने में मदद करेगा। इस दिशा में सही नीतियां और उनका प्रभावी क्रियान्वयन भारत को और ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।