अमेरिकी टैरिफ से घबराए जस्टिन ट्रूडो, राष्ट्रपति ट्रम्प से की रोक लगाने की गुहार
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2023 में दोनों देशों के बीच प्रतिदिन 2.7 बिलियन डॉलर (करीब 19,170 करोड़ रुपये) मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान हुआ।
यदि 25% टैरिफ लागू होता है, तो कनाडा के उद्योगों पर बड़ा असर पड़ सकता है और व्यापार संतुलन गड़बड़ा सकता है।
कनाडाई व्यापार जगत को डर है कि टैरिफ से देश की आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है और अमेरिका के साथ व्यापार संबंध बिगड़ सकते हैं।
वॉशिंगटन/ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कनाडा पर 25% टैरिफ बढ़ाने के फैसले के खिलाफ अमेरिका से हस्तक्षेप की अपील की है। पहले तो ट्रूडो ने इस फैसले को हल्के में लिया था, लेकिन अब वे व्यापार युद्ध की आशंका को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं।
अमेरिका-कनाडा व्यापार युद्ध का खतरा
ट्रम्प प्रशासन ने पहले ही संकेत दिए थे कि 1 फरवरी से कनाडा पर उच्च टैरिफ लागू किया जाएगा, जिससे कनाडा की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है। इस फैसले के खिलाफ कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से वॉशिंगटन डीसी में मुलाकात करेंगी और इस टैरिफ को रोकने की मांग करेंगी।
अमेरिकी टैरिफ से होगा कनाडा को भारी नुकसान
कनाडा और अमेरिका के बीच गहरे व्यापारिक संबंध हैं। 2023 में दोनों देशों के बीच प्रतिदिन 2.7 बिलियन डॉलर (करीब 19,170 करोड़ रुपये) मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान हुआ। यदि 25% टैरिफ लागू होता है, तो कनाडा के उद्योगों पर बड़ा असर पड़ सकता है और व्यापार संतुलन गड़बड़ा सकता है।
शपथ ग्रहण से पहले ही ट्रम्प की चेतावनी
डोनाल्ड ट्रम्प ने पहले ही 20 जनवरी को पदभार संभालने से पहले कनाडा को चेतावनी दी थी कि यदि सीमा पार से अवैध प्रवासन और मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक नहीं लगी, तो टैरिफ तुरंत लागू कर दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने इसे 1 फरवरी तक स्थगित कर दिया, जिससे दोनों देशों को बातचीत के लिए समय मिल सके।
कनाडा में बढ़ता दबाव
इस मुद्दे पर जस्टिन ट्रूडो की सरकार विपक्षी दलों और व्यापारिक संगठनों के बढ़ते दबाव में है। कनाडाई व्यापार जगत को डर है कि टैरिफ से देश की आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है और अमेरिका के साथ व्यापार संबंध बिगड़ सकते हैं।
क्या करेगा कनाडा?
अब सबकी नजरें मेलानी जोली और मार्को रुबियो की बैठक पर टिकी हैं। यह देखना अहम होगा कि क्या अमेरिका अपने फैसले पर पुनर्विचार करता है, या कनाडा को इस आर्थिक झटके के लिए तैयार रहना होगा।