Dying Bill Controversy : Ichchha Mrityu Par Kanoon Ka Thappa

Sat 30-Nov-2024,05:16 PM IST +05:30

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Dying Bill Controversy : Ichchha Mrityu Par Kanoon Ka Thappa
  • ब्रिटेन की संसद ने गंभीर रूप से बीमार लोगों को इच्छामृत्यु की अनुमति देने वाला विधेयक पास किया है, जिसमें दो स्वतंत्र डॉक्टर्स और एक हाईकोर्ट जज की सहमति की आवश्यकता होगी, और मरीज को मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए। इसे कानूनी रूप से लागू करने के लिए और समीक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।

  • इस विधेयक का समर्थन करने वाले इसे मरीज का दर्द खत्म करने और गरिमा के साथ मौत देने का विकल्प मानते हैं, जबकि विरोधी पक्ष इसे कमजोर और बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा और दुरुपयोग की संभावना से भरपूर मानते हैं।

Delhi / New Delhi :

Britain/इच्छामृत्यु को लेकर कई देशों में वाद-विवाद है, भारत में इच्छामृत्यु संबंधी कानून सक्रिय और निष्क्रिय इच्छामृत्यु के बीच अंतर करता है। भारत देश में घातक यौगिकों के प्रशासन सहित सक्रिय इच्छामृत्यु के रूप अभी भी अवैध हैं। लेकिन एक वक्त पर भारत पर राज करने वाले ब्रिटेन ने इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास कर दिया है। ब्रिटेन का यह विधेयक गंभीर रूप से बीमार लोगों, जिनकी जीवन प्रत्याशा 6 महीने से कम है, उन्हें अपनी इच्छा से खुद का जीवन खत्म करने की अनुमति देता है। यह पूरी तरह से कानूनी होगा।

इस विधेयक के मुताबिक इसे लागू करने के लिए दो स्वतंत्र डॉक्टर्स और एक हाईकोर्ट के जज की सहमति भी जरूरी होगी। हालांकि, मरीज को इच्छामृत्यु के इस फैसले के लिए मानसिक रूप से पहले सक्षम माना जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वह किसी दबाव में तो नहीं। इसके अलावा, मरीज को 2 बार अपनी मरने की इच्छा भी जतानी होगी, जिसके बीच कम से कम 7 दिनों का अंतर होना चाहिए। बता दें कि संसद में बहस के बाद इस बिल पर संसद में वोटिंग कराई गई, जिसमें विधेयक के पक्ष में 330 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 275 वोट पड़े। इससे पहले 2015 में यह विधेयक संसद में लाया गया था, लेकिन यह उस समय पास नहीं हो पाया था। पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और संस्कृति मंत्री लिसा नंदी उन ब्रिटिश-भारतीय सांसदों में शामिल हैं जिन्होंने विधेयक के पक्ष में मतदान किया। अब यह बिल संशोधन और विचार के लिए संसद के ऊपरी सदन 'हाउस ऑफ लॉर्ड्स' में भेजा जाएगा। इस बिल की निगरानी इंग्लैंड और वेल्स के चीफ मेडिकल ऑफिसर और हेल्थ सेक्रेटरी द्वारा की जाएगी।

ब्रिटेन की संसद में इस विधेयक को लेकर तो बहस हुई ही, साथ ही अब जनता भी दो धड़ों में बंटी हुई दिखाई दे रही है। संसद में इस बिल के समर्थकों ने इसे मरीज का दर्द खत्म करने और गरिमा के साथ मौत देने का विकल्प बताया, तो विरोधी पक्ष ने इसे कमजोर और बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा बताया और इसके दुरुपयोग की संभावना जताई। बता दें कि यह विधेयक भले ही संसद से पास हो गया हो, लेकिन इसे कानून बनने के लिए और भी समीक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। इसके बाद ही यह कानून का रूप ले पाएगा। अब विपक्ष समेत आधी जनता के विरोध को देखते हुए जानकारों का मानना है कि शायद ही यह विधेयक इतनी आसानी से कानून का रूप ले पाएगा।