8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग से सैलरी, पेंशन और ग्रेच्युटी पर पड़ेगा ये असर…
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यदि 8वें वेतन आयोग में भी फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा जाता है, तो न्यूनतम सैलरी 46,620 रुपये तक पहुंच सकती है। इसका मतलब है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में लगभग 38 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
सेक्रेटरी स्तर के अधिकारियों की बेसिक सैलरी वर्तमान में 2.5 लाख रुपये है। चूंकि इनकी सैलरी में महंगाई भत्ता शामिल नहीं होता, इसलिए यदि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रहता है, तो यह बढ़कर 6.42 लाख रुपये हो सकती है।
पेंशनभोगियों को 7वें वेतन आयोग में 23.66 प्रतिशत की वृद्धि का लाभ मिला था। यदि 8वें वेतन आयोग में पेंशन में 34 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है, तो इसका असर व्यापक होगा।
New Delhi/ भारत सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है। यह आयोग 2026 तक अपनी रिपोर्ट पेश करेगा और उसके बाद इसके सुझावों को लागू किया जाएगा। 8वें वेतन आयोग के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आय में बड़ा इजाफा होगा।
सातवें वेतन आयोग से मिला था बड़ा फायदा
2016 में लागू हुए 7वें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दी गई थी। पेंशनभोगियों की पेंशन में भी 23.66 प्रतिशत का भारी इजाफा हुआ था। अब 8वें वेतन आयोग से उम्मीद है कि यह एक बार फिर से सैलरी, पेंशन और ग्रेच्युटी में बड़ा सुधार करेगा।
बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी
7वें वेतन आयोग में न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये तय की गई थी। इस पर मौजूदा समय में महंगाई भत्ता (DA) 53 प्रतिशत के स्तर पर है, जो जनवरी 2026 तक बढ़कर 59 प्रतिशत हो सकता है। इस तरह, 18,000 रुपये का न्यूनतम वेतन महंगाई भत्ता जोड़ने के बाद 28,620 रुपये हो जाएगा।
यदि 8वें वेतन आयोग में भी फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा जाता है, तो न्यूनतम सैलरी 46,620 रुपये तक पहुंच सकती है। इसका मतलब है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में लगभग 38 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
उच्चतम सैलरी पर प्रभाव
सेक्रेटरी स्तर के अधिकारियों की बेसिक सैलरी वर्तमान में 2.5 लाख रुपये है। चूंकि इनकी सैलरी में महंगाई भत्ता शामिल नहीं होता, इसलिए यदि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रहता है, तो यह बढ़कर 6.42 लाख रुपये हो सकती है। यह एक बड़ा इजाफा होगा, जिससे उच्च ग्रेड के अधिकारियों की आय में भी महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
पेंशन में संभावित वृद्धि
पेंशनभोगियों को 7वें वेतन आयोग में 23.66 प्रतिशत की वृद्धि का लाभ मिला था। यदि 8वें वेतन आयोग में पेंशन में 34 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है, तो इसका असर व्यापक होगा।
उदाहरण के लिए, यदि किसी रिटायर्ड कर्मचारी का बेसिक पे 50,000 रुपये है और वर्तमान में उसे 25,000 रुपये पेंशन मिलती है, तो 34 प्रतिशत वृद्धि के बाद उसकी पेंशन बढ़कर 33,500 रुपये हो जाएगी। यह वृद्ध कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
ग्रेच्युटी में बढ़ोतरी
ग्रेच्युटी की गणना अंतिम बेसिक सैलरी, नौकरी के कुल वर्षों और एक निश्चित फॉर्मूला के आधार पर होती है। मौजूदा समय में 18,000 रुपये की बेसिक सैलरी वाले कर्मचारी को 30 साल की सेवा के बाद लगभग 4.89 लाख रुपये की ग्रेच्युटी मिलती है।
यदि फिटमेंट फैक्टर 2.57 के हिसाब से गणना करें, तो यह राशि 12.56 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। हालांकि, सरकार ने वर्तमान में ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 30 लाख रुपये तय कर रखी है। यदि इस सीमा को बढ़ाया जाता है, तो कर्मचारियों को और अधिक लाभ हो सकता है।
8वें वेतन आयोग से संभावनाएं
8वें वेतन आयोग से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी उम्मीदें हैं। इसके लागू होने के बाद:
- न्यूनतम वेतन में करीब 38 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
- पेंशन में 34 प्रतिशत तक का इजाफा संभव है।
- ग्रेच्युटी की राशि में बड़ा सुधार देखने को मिल सकता है।
इस प्रकार 8वें वेतन आयोग के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि यह उनकी जीवनशैली में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा। आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद देश के लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।