महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला: सरकारी दफ्तरों में अनिवार्य हुई मराठी भाषा
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- महाराष्ट्र सरकार ने सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और नगर निगम कार्यालयों में मराठी भाषा का उपयोग अनिवार्य किया।
- मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल संरक्षण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित भाषा मॉडल विकसित करने का निर्देश दिया गया।
Mumbai/महाराष्ट्र सरकार ने मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक अहम निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और नगर निगम कार्यालयों में मराठी भाषा बोलना अनिवार्य कर दिया है। सरकारी दफ्तरों में मराठी में काम करने के लिए साइन बोर्ड लगाए जाएंगे और कंप्यूटरों में मराठी कीबोर्ड भी अनिवार्य होगा। पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज में आयोजित तीसरे 'विश्व मराठी सम्मेलन' में मुख्यमंत्री ने मराठी साहित्य को डिजिटल रूप में संरक्षित करने पर जोर दिया। उन्होंने मराठी भाषा विभाग को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित भाषा मॉडल विकसित करने का निर्देश दिया ताकि मराठी साहित्य नई पीढ़ी तक पहुंच सके। सरकार के इस आदेश का पालन न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज की जा सकेगी। इस फैसले से मराठी भाषा और साहित्य को नई पहचान मिलेगी।