बजट 2025: 12.75 लाख तक की आय पर नहीं लगेगा टैक्स, वेतनभोगियों को बड़ी राहत
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नई कर व्यवस्था के तहत 7 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी टैक्स फ्री थी। लेकिन बजट 2025 में इसे बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस की छूट सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है।
अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। अब 12 लाख रुपये तक की आयकर योग्य आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा, स्टैंडर्ड डिडक्शन को शामिल करने के बाद 12.75 लाख रुपये तक की कर योग्य आय पर भी कोई कर देय नहीं होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह कदम देश के वेतनभोगी वर्ग को कर राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है। इससे मध्यम वर्ग को अतिरिक्त बचत का अवसर मिलेगा, जिससे घरेलू खपत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
नई कर व्यवस्था के तहत टैक्स छूट
वर्तमान में, नई कर व्यवस्था के तहत 7 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी टैक्स फ्री थी। लेकिन बजट 2025 में इसे बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन के 75,000 रुपये को जोड़ने के बाद यह छूट 12.75 लाख रुपये तक हो जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस कदम से मध्यम वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और उनकी आय का अधिक हिस्सा उनके पास बचेगा। सरकार का लक्ष्य कर अनुपालन को सरल बनाना और अधिक से अधिक करदाताओं को राहत देना है।
टीडीएस सीमा में बदलाव
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने टीडीएस (TDS) की सीमा में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं:
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस की छूट सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है।
- किराए से होने वाली आमदनी पर टीडीएस की सीमा को 6 लाख रुपये तक बढ़ाया गया है।
- नॉन-पैन मामलों में उच्च टीडीएस के प्रावधान जारी रहेंगे।
- अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है।
मध्यम वर्ग के लिए बड़ा फायदा
इस बजट में व्यक्तिगत आयकर प्रणाली को सरल और न्यायसंगत बनाने पर जोर दिया गया है। सरकार के इस निर्णय से वेतनभोगी और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी। कर योग्य आय सीमा में वृद्धि से लोगों की खपत और निवेश क्षमता में बढ़ोतरी होगी, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
बजट 2025 में किए गए ये बदलाव मध्यम वर्ग के लिए राहत भरे हैं। खासकर 12.75 लाख रुपये तक की कर मुक्त आय का प्रावधान वेतनभोगियों के लिए एक बड़ा ऐलान है। सरकार का यह कदम करदाताओं को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता देने के साथ-साथ देश की आर्थिक गतिविधियों को भी तेज करेगा।