लखनऊ बैंक लूट केस में बड़ा खुलासा: बरामद सोने का बड़ा हिस्सा गायब, पुलिसवालों पर शक!
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लूटे गए जेवरात की बरामदगी में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने 13 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया और पूरी स्वॉट टीम को भंग कर दिया।
आरोप है कि बरामद किए गए जेवरों में हेरफेर कर कुछ पुलिसकर्मियों ने लाखों का सोना गायब कर दिया।
सभी 13 पुलिसकर्मियों को अलग-अलग स्थानों पर ट्रांसफर किया गया है। वहीं, एडीसीपी ने सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी कर दिया है।
लखनऊ/ लखनऊ के चिनहट इलाके में इंडियन ओवरसीज बैंक के लॉकर लूटकांड का खुलासा तो हो गया, लेकिन इस मामले में अब खुद पुलिसकर्मी ही शक के घेरे में आ गए हैं। लूटे गए जेवरात की बरामदगी में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने 13 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया और पूरी स्वॉट टीम को भंग कर दिया। इस कार्रवाई के पीछे पुलिसकर्मियों पर बरामद गोल्ड के बड़े हिस्से को हड़पने का आरोप है। मामले की जांच एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह को सौंपी गई है। शुरुआती जांच में पता चला है कि गाजीपुर दबिश के दौरान चार पुलिसकर्मियों—दरोगा सतीश कुमार, सिपाही अजय कुमार, मनोज कुमार सिंह और हितेश सिंह—ने सात बैग जेवर बरामद किए थे, जबकि गाजीपुर पुलिस ने सिर्फ दो बैग जब्त किए। आरोप है कि बरामद किए गए जेवरों में हेरफेर कर कुछ पुलिसकर्मियों ने लाखों का सोना गायब कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि बरामदगी के अगले ही दिन दरोगा सतीश, सिपाही हितेश और अजय छुट्टी पर चले गए थे।
सूत्रों के अनुसार, इस टीम पर पहले भी अवैध वसूली की शिकायतें दर्ज थीं। डीसीपी पूर्वी ने बयान दिया कि लंबे समय से तैनात स्वॉट टीम और सर्विलांस सेल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। सभी 13 पुलिसकर्मियों को अलग-अलग स्थानों पर ट्रांसफर किया गया है। वहीं, एडीसीपी ने सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी कर दिया है। अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, पुलिस विभाग में इस घटना को लेकर हड़कंप मचा हुआ है।