माउंट आबू: राजस्थान का कश्मीर कहा जाने वाला एक शानदार हिल स्टेशन

Tue 15-Oct-2024,01:46 PM IST +05:30
माउंट आबू: राजस्थान का कश्मीर कहा जाने वाला एक शानदार हिल स्टेशन
  • यह अरावली पर्वत श्रृंखला का एकमात्र हिल स्टेशन है और समुद्र तल से लगभग 1,220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

  • लेकिन मार्च से जून के बीच यहाँ का मौसम विशेष रूप से आनंददायक होता है जब तापमान 23°C से 33°C के बीच रहता है। 

Rajasthan / Sirohi :

माउंटआबू राजस्थान राज्य के सिरोही जिले में स्थित एक सुंदर पर्वतीय स्थल है। यह अरावली पर्वत श्रृंखला का एकमात्र हिल स्टेशन है और समुद्र तल से लगभग 1,220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। माउंट आबू 22 किमी लंबे और 9 किमी चौड़े पथरीले पठार पर बसा हुआ है। इसकी सबसे ऊंची चोटी 1722 मीटर ऊंची है जिसे गुरु शिखर भी कहा जाता है, यहाँ से नीचे की अद्भुत प्राकृतिक दृश्य देखे जा सकते हैं। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और ठंडी जलवायु इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाते हैं। माउंट आबू में फैली चारों ओर की सुंदर वातावरण के कारण इसे राजस्थान का कश्मीर भी कहा जाता है। माउंट आबू में सर्दियों के मौसम में बर्फ भी गिरते हुए मिल जाता है। वैसे तो यहाँ का मौसम साल भर सुखद रहता है, लेकिन मार्च से जून के बीच यहाँ का मौसम विशेष रूप से आनंददायक होता है जब तापमान 23°C से 33°C के बीच रहता है। मॉनसून के दौरान यहाँ अच्छी वर्षा होती है जिससे इसकी प्राकृतिक सुंदरता और भी बढ़ जाती है। ऊंची-ऊंची पहाड़ियों के बीच बसा माउंटआबू जैन धर्म के अनुयायियों के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह धार्मिक मंदिरों और एतिहासिक पर्यटन स्थलों से भर हुआ है।

इतिहास की बात करें तो माउंट आबू का इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्व से भरा हुआ है। माउंट आबू का प्राचीन नाम अर्बुदांचल था। अरावली पर्वत शृंखला के दक्षिण-पश्चिम छोर में ग्रेनाइट शिलाओं के एकल पिंड के रूप में स्थित आबू पर्वत, 10 किमी लंबी पश्चिमी बनास नदी की संकरी घाटी द्वारा अन्य श्रेणियों में बंट जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान पर साक्षात भगवान शिव ने भील दम्पत्ति आहुक और आहूजा को दर्शन दिए थे। माउंट आबू का नाम एक पौराणिक कथा से भी जुड़ा हुआ है, जिसमें कहा जाता है कि ऋषि वशिष्ठ ने यहाँ पर अपने पुत्र को पुनर्जीवित किया था।

माउंट आबू का उल्लेख महाभारत और रामायण जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। यह क्षेत्र ऋषियों और मुनियों का तपस्या स्थल था। जैन धर्म के तीर्थंकरों ने भी यहाँ पर ध्यान और साधना की थी। मध्यकाल में माउंटआबू पर कई राजपूत शासकों का शासन था। चालुक्य वंश के शासक धारावर्ष ने 11वीं सदी में यहाँ पर दिलवाड़ा जैन मंदिरों का निर्माण कराया। ये मंदिर अपनी वास्तुकला और संगमरमर की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध हैं। ब्रिटिश काल में माउंट आबू एक प्रमुख हिल स्टेशन बन गया। अंग्रेज अधिकारियों ने यहाँ की ठंडी जलवायु का आनंद लेने के लिए इसे एक ग्रीष्मकालीन रेजिडेंसी के रूप में विकसित किया। ब्रिटिश राज के दौरान, माउंट आबू को राजस्थान की विभिन्न रियासतों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र भी बनाया गया।

स्वतंत्रता के बाद, माउंट आबू एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक मंदिर, और ठंडी जलवायु पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। नक्की झील, गुरु शिखर, और टॉड रॉक जैसी जगहें यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं।

प्रमुख पर्यटन स्थल:

नक्की झील: यह माउंट आबू का सबसे प्रसिद्ध आकर्षण है। यह झील चारों ओर से पहाड़ों और बगीचों से घिरी हुई है और नौका विहार के लिए प्रसिद्ध है।

दिलवाड़ा जैन मंदिर: यह मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला और संगमरमर की नक्काशी के लिए जाना जाता है। दिलवाड़ा मंदिर, पाँच मंदिरों का एक समूह है। इन मंदिरों का निर्माण 11वीं और 13वीं शताब्दी के बीच हुआ था और यह जैन तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण स्थल हैं।

गुरु शिखर: यह अरावली की सबसे ऊंची चोटी है और यहाँ से आप अद्भुत प्राकृतिक दृश्य देख सकते हैं। यहाँ एक मंदिर भी है जो भगवान दत्तात्रेय को समर्पित है।

टॉड रॉक: यह एक विशाल चट्टान है जो मेढ़क के आकार की है। यह पर्यटकों के बीच फोटोग्राफी और पिकनिक के लिए लोकप्रिय है।

सनसेट पॉइंट: यहाँ से सूर्यास्त का मनमोहक दृश्य देखा जा सकता है। यह पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय स्थल है।

पीस पार्क: यह ब्रह्मा कुमारी के द्वारा संचालित एक शांतिपूर्ण और सुंदर बगीचा है जहाँ आप ध्यान और शांति का अनुभव कर सकते हैं।

कैसे पहुंचे माउंट आबू:

हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर है, जो माउंट आबू से लगभग 185 किमी दूर है।

रेल मार्ग: आबू रोड रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो माउंट आबू से लगभग 28 किमी दूर है।

सड़क मार्ग: माउंट आबू राजस्थान और गुजरात के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।

माउंट आबू घूमने का सहीं समय:

माउंट आबू घूमने का प्लान बनाने से पहले वहाँ के मौसम की जानकारी होना बहुत जरूरी है। वैसे तो माउंट आबू घूमने का सही समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है लेकिन मौसम के अनुसार सभी की पसंद अलग-अलग हो सकती है। हालांकि इस अवधि में यहाँ की जलवायु सुखद और आरामदायक होती है, जो पर्यटन के लिए आदर्श है। यहाँ का मौसम साल भर थोड़ा ठंडा रहता है। आइए जानें बाकी के महीने में यहाँ के मौसम के बारे में-

सर्दियाँ (नवंबर से फरवरी)

सर्दियों में माउंट आबू का तापमान 12°C से 22°C के बीच रहता है। इस समय मौसम ठंडा और सुखद होता है, जो ट्रेकिंग और दर्शनीय स्थलों की सैर के लिए उत्तम है। सर्दियों में यहाँ पर सुबह और शाम ठंडी होती है, इसलिए गर्म कपड़े ले जाना आवश्यक है। यह समय विशेष रूप से नवविवाहितों और परिवारों के लिए लोकप्रिय है।

ग्रीष्मकाल (अप्रैल से जून)

ग्रीष्मकाल में माउंट आबू का तापमान 23°C से 33°C के बीच रहता है। अन्य क्षेत्रों की तुलना में यहाँ का तापमान अपेक्षाकृत ठंडा होता है, जिससे यह एक अच्छा ग्रीष्मकालीन अवकाश स्थल बन जाता है। इस समय लोग शहर की गर्मी से राहत पाने के लिए यहाँ आते हैं।

मानसून (जुलाई से सितंबर)

मानसून के दौरान माउंट आबू में मध्यम से भारी वर्षा होती है। यह समय प्रकृति प्रेमियों के लिए उत्तम है, क्योंकि बारिश के बाद यहाँ की हरियाली और झरने अपने चरम पर होते हैं। हालांकि, भारी वर्षा के कारण कुछ समय यात्रा में कठिनाई हो सकती है, इसलिए मानसून में यात्रा की योजना बनाते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

त्योहार और उत्सव

माउंट आबू में गर्मियों के दौरान मई-जून में माउंट आबू समर फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। इस दौरान संगीत, नृत्य और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जो यहाँ आने का अनुभव और भी यादगार बनाते हैं।

सही मौसम और समय के अनुसार यात्रा की योजना बनाना माउंट आबू की सुंदरता और अनुभव का पूरा लाभ उठाने में मदद करेगा।माउंट आबू न केवल पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय स्थल है, बल्कि यह आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता का मेल भी है, जो इसे एक तरह से अन्य जगहों से अलग बनाता है। यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग रूप में महत्वपूर्ण हो सकता है चाहे वह युवा हो या बुजुर्ग। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि यह जगह सभी के मन को भाने वाली अत्यंत सुंदर और मनमोहक है। यह स्थान आज भी अपनी प्राचीन विरासत और आधुनिक विकास का एक सुंदर संगम प्रस्तुत करता है।