पुलवामा हमला: भारत के इतिहास का एक काला अध्याय

Sat 15-Feb-2025,01:41 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

पुलवामा हमला: भारत के इतिहास का एक काला अध्याय पुलवामा हमला
  • इस घटना ने भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को और अधिक सख्त बना दिया।

  •  78 वाहनों के इस काफिले में 2,500 से अधिक जवान थे।

  • इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली। 

Jammu and Kashmir / Pulwama :

14 फरवरी 2019 की दोपहर 3:15 बजे, जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर आतंकवादियों ने आत्मघाती हमला किया। 78 वाहनों के इस काफिले में 2,500 से अधिक जवान थे। जैसे ही यह काफिला पुलवामा के अवंतीपोरा क्षेत्र से गुजरा, एक आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से भरी कार को सीआरपीएफ बस से टकरा दिया। इस भीषण हमले में 40 जवान शहीद हो गए।

हमले की साजिश और जांच
इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया कि हमले के लिए 300 किलोग्राम विस्फोटक, जिसमें 80 किलोग्राम RDX शामिल था, इस्तेमाल किया गया था। हमले से पहले भारतीय खुफिया एजेंसियों ने कई बार अलर्ट जारी किया था, लेकिन सुरक्षा में चूक के कारण इसे रोका नहीं जा सका। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच शुरू की और 2020 में 19 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।

बालाकोट एयरस्ट्राइक: भारत की कड़ी जवाबी कार्रवाई
हमले के जवाब में 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बमबारी की। भारत ने दावा किया कि इस हमले में 300-350 आतंकवादी मारे गए। इस हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया, जिसके दौरान विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान ने बंदी बना लिया। अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते 1 मार्च 2019 को उन्हें रिहा कर दिया गया।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
इस हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए। एफएटीएफ (FATF) में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने की प्रक्रिया तेज हुई, जिससे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा। भारत में भी आतंकवाद के खिलाफ जनाक्रोश देखने को मिला, और सुरक्षा नीतियों में बदलाव किया गया।

निष्कर्ष
पुलवामा हमला भारतीय सुरक्षा बलों पर सबसे घातक हमलों में से एक था। इस घटना ने भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को और अधिक सख्त बना दिया। बालाकोट एयरस्ट्राइक के जरिए भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस हमले ने न केवल भारत और पाकिस्तान के संबंधों में नया मोड़ लाया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर भी भारत की स्थिति को मजबूत किया