राजस्थान बजट 2025: जल संकट से निजात के लिए बड़ी घोषणाएं

Thu 20-Feb-2025,12:27 PM IST +05:30

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राजस्थान बजट 2025: जल संकट से निजात के लिए बड़ी घोषणाएं
  • 20 लाख ग्रामीण घरों में पेयजल कनेक्शन के लिए 425 करोड़ रुपये का प्रावधान।

  • इस परियोजना के तहत 9,400 करोड़ रुपये के कार्य शुरू हो चुके हैं, जबकि 12,807 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। राज्य में 9,300 करोड़ रुपये की लागत के नए जल आपूर्ति कार्य किए जाएंगे।

  • 20,000 किमी लंबी सिंचाई पाइपलाइन बिछाने के लिए 900 करोड़ रुपये का बजट।

Rajasthan / Jaipur :

राजस्थान सरकार ने राज्य में जल संकट को दूर करने के लिए अपने दूसरे पूर्ण बजट में कई अहम फैसले लिए हैं। वित्त मंत्री दीया कुमारी ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार जल आपूर्ति को सुलभ और स्थायी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बजट में पेयजल योजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय आवंटन किया गया है।

पेयजल योजनाओं के लिए प्रमुख घोषणाएं

मुख्यमंत्री जल जीवन मिशन (शहरी) की शुरुआत, 5,830 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न कार्य होंगे।

20 लाख ग्रामीण घरों में पेयजल कनेक्शन के लिए 425 करोड़ रुपये का प्रावधान।

एक हजार ट्यूबवेल और 1,500 नए हैंडपंप लगाए जाएंगे।

जल परियोजनाओं के संचालन के लिए 1,050 तकनीकी कर्मचारियों के नए पद सृजित होंगे।

राम जल सेतु लिंक परियोजना को मिली रफ्तार

राजस्थान में पानी की समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए राम जल सेतु लिंक परियोजना को गति दी गई है। इस परियोजना के तहत 9,400 करोड़ रुपये के कार्य शुरू हो चुके हैं, जबकि 12,807 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। राज्य में 9,300 करोड़ रुपये की लागत के नए जल आपूर्ति कार्य किए जाएंगे।

जल संरक्षण और सिंचाई योजनाएं

3.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर इरिगेशन सिस्टम लागू करने के लिए 1,250 करोड़ रुपये का अनुदान।

50,000 नए तालाबों का निर्माण।

20,000 किमी लंबी सिंचाई पाइपलाइन बिछाने के लिए 900 करोड़ रुपये का बजट।

4 लाख किसानों को सिंचाई सुविधाओं से जोड़ा जाएगा।

17 जिलों को मिलेगा लाभ

इस परियोजना के तहत राजस्थान के 17 जिलों (जयपुर, कोटा, बूंदी, अजमेर, भरतपुर आदि) और मध्यप्रदेश के 13 जिलों (गुना, मुरैना, शिवपुरी, इंदौर, उज्जैन आदि) को जल आपूर्ति का लाभ मिलेगा। इस योजना से राजस्थान को कुल 4102.60 एमसीएम पानी मिलेगा, जिसमें 1744 एमसीएम पेयजल, 1159.38 एमसीएम सिंचाई जल और 108 एमसीएम भू-जल पुनर्भरण के लिए उपयोग होगा।

सरकार के इन फैसलों से राज्य के लाखों लोगों को जल संकट से राहत मिलने की उम्मीद है।