राज्य जल मंत्रियों का दूसरा अखिल भारतीय सम्मेलन संपन्न, जल सुरक्षा के लिए नए समाधान सुझाए गए
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सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की उपस्थिति में किया।
सम्मेलन में 34 मंत्रियों और 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ओडिशा और त्रिपुरा के मुख्यमंत्रियों के अलावा हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्रियों ने भी इस आयोजन में हिस्सा लिया।
राजस्थान के उदयपुर में संपन्न हुए राज्य जल मंत्रियों के दूसरे अखिल भारतीय सम्मेलन में जल सुरक्षा, जल वितरण सेवाएं, मांग प्रबंधन, नदियों को जोड़ने और तटीय प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की उपस्थिति में किया।
सम्मेलन के समापन समारोह में श्री पाटिल ने कहा कि यह सम्मेलन सिर्फ चुनौतियों पर चर्चा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि समाधान खोजने के सामूहिक प्रयासों पर भी जोर दिया गया। उन्होंने जल प्रबंधन में जानकारी साझा करने और व्यावहारिक समाधान खोजने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
सम्मेलन की प्रमुख सिफारिशें:
- 'हर खेत को पानी' मिशन के तहत वाष्पोत्सर्जन आधारित सिंचाई कार्य और सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई।
- जल उपयोग दक्षता ब्यूरो की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया।
- सभी क्षेत्रों में वॉल्यूमेट्रिक माप बढ़ाने और अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग की सिफारिश की गई।
- तटीय निगरानी नेटवर्क का विस्तार और जल पर्यटन को बढ़ावा देने के सुझाव दिए गए।
- जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के माध्यम से समुदाय के नेतृत्व वाले संचालन पर बल दिया गया।
- जल भंडारण अवसंरचना के नवीनीकरण और आधुनिकीकरण को प्राथमिकता देने की सहमति बनी।
- जल प्रशासन को मजबूत करने के लिए एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन (IWRM) की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
सम्मेलन में 34 मंत्रियों और 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ओडिशा और त्रिपुरा के मुख्यमंत्रियों के अलावा हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्रियों ने भी इस आयोजन में हिस्सा लिया।