जनवरी में खुदरा महंगाई दर में भारी गिरावट!
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उपभोक्ता मुद्रास्फीति जनवरी 2025 में 4.60 प्रतिशत पर आ सकती है।
दिसंबर 2024 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत रही, जबकि दिसंबर 2023 में यह 4.4 प्रतिशत थी।
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी के चलते जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.31 प्रतिशत रह गई। यह दिसंबर में 5.22 प्रतिशत और जनवरी 2024 में 5.1 प्रतिशत थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य मुद्रास्फीति 6.02 प्रतिशत रही, जो दिसंबर में 8.39 प्रतिशत और एक साल पहले 8.3 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि उपभोक्ता मुद्रास्फीति जनवरी 2025 में 4.60 प्रतिशत पर आ सकती है। वहीं, दिसंबर 2024 में यह 5.22 प्रतिशत दर्ज की गई थी। दूसरी ओर, औद्योगिक उत्पादन में गिरावट देखी गई। दिसंबर 2024 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत रही, जबकि दिसंबर 2023 में यह 4.4 प्रतिशत थी। सरकार ने नवंबर 2024 के औद्योगिक उत्पादन आंकड़े को संशोधित कर 5 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 5.2 प्रतिशत बताया गया था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुसार, दिसंबर 2024 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 3 प्रतिशत रही, जो पिछले साल 4.6 प्रतिशत थी। खनन उत्पादन की वृद्धि दर 2.6 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि दिसंबर 2023 में यह 5.2 प्रतिशत थी। हालांकि, बिजली उत्पादन में सुधार हुआ और यह 6.2 प्रतिशत हो गया, जबकि एक साल पहले यह 1.2 प्रतिशत था। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में औद्योगिक उत्पादन 4 प्रतिशत बढ़ा, जो पिछले साल की समान अवधि में 6.2 प्रतिशत था। महंगाई दर में आई यह गिरावट भारतीय परिवारों के लिए राहत की खबर है, जो बढ़ती जीवन लागत और भोजन पर बढ़ते खर्च से जूझ रहे थे। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सर्दियों की ताजा उपज और सब्जियों की कीमतों में गिरावट ने मुद्रास्फीति को कम करने में अहम भूमिका निभाई है। आरबीआई ने हाल ही में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में आर्थिक विकास को गति देने और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की है। इसे 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है।