फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों की बैंक धोखाधड़ी, आरोपी गिरफ्तार

Fri 14-Feb-2025,01:43 PM IST +05:30

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फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों की बैंक धोखाधड़ी, आरोपी गिरफ्तार फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों की बैंक धोखाधड़ी
  • जब निजी क्षेत्र की आधार हाउसिंग फाइनेंस बैंक ने अनूपशहर रोड के जिकरुर्रहमान के नाम से 24 लाख रुपये का हाउसिंग ऋण स्वीकृत किया। 

  • बैंक कर्मचारियों ने जब जिकरुर्रहमान से संपर्क किया तो उसने बहाने बनाकर मामले को टालने की कोशिश की।

Delhi / New Delhi :

क्वार्सी पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे बैंकों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। आरोपी अब्दुल कदीर ने निजी हाउसिंग फाइनेंस बैंकों को तीन करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया। उसने लोगों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे ऋण स्वीकृत कराए और रकम हड़प ली। पुलिस ने 11 फरवरी को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

कैसे हुआ खुलासा?
इस धोखाधड़ी का खुलासा पिछले वर्ष मई में हुआ, जब निजी क्षेत्र की आधार हाउसिंग फाइनेंस बैंक ने अनूपशहर रोड के जिकरुर्रहमान के नाम से 24 लाख रुपये का हाउसिंग ऋण स्वीकृत किया। इसी तरह, शुभम फाइनेंस बैंक ने 29 लाख रुपये का ऋण दिया। कुछ समय बाद दोनों बैंकों ने पाया कि किस्तों का भुगतान नहीं हो रहा था।

बैंक कर्मचारियों ने जब जिकरुर्रहमान से संपर्क किया तो उसने बहाने बनाकर मामले को टालने की कोशिश की। जब दबाव बढ़ा, तो उसने सराय सुल्तानी निवासी अब्दुल कदीर और उसके साथी मोहम्मद जाहिद का नाम लिया। उसने बताया कि कदीर ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे यह ऋण दिलवाया था और पहले भी 29 लाख रुपये का ऋण इसी तरह दिलवा चुका था।

कई महीनों तक चली जांच
बैंकों की शिकायत पर क्वार्सी थाने में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने कई महीनों तक जांच की। सबूतों के आधार पर पुलिस ने अब्दुल कदीर को गिरफ्तार कर लिया। जांच में खुलासा हुआ कि कदीर पहले खुद बैंकों से ऋण दिलाने की एजेंसी चलाता था। वह दो से तीन दशक पुराने फर्जी प्रॉपर्टी दस्तावेज तैयार कर अपने ग्राहकों को प्रॉपर्टी का स्वामी दिखा देता था।

कैसे करता था धोखाधड़ी?
कदीर बैंक से ऋण लेने वाले ग्राहकों से वादा करता था कि वह आधी से ज्यादा रकम खुद रखेगा और ग्राहक को किस्त भी नहीं चुकानी पड़ेगी। बैंक जब प्रॉपर्टी की जांच करती, तो ऑनलाइन रिकॉर्ड न होने के कारण कदीर के फर्जी दस्तावेज सही मान लिए जाते।

अब तक की जांच में पता चला है कि कदीर ने आधार, शुभम और एक अन्य बैंक के करीब 20 ग्राहकों के नाम पर तीन करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत कराए। इनमें अधिकांश ग्राहक मुस्लिम आबादी से हैं।

आगे की कार्रवाई
पुलिस जांच में अब तक दो दर्जन से अधिक मामलों में फर्जी तरीके से ऋण लेने की पुष्टि हो चुकी है। कई लोगों की रकम भी इसी तरह ठगी गई है। पुलिस ने बताया कि जो भी नई शिकायतें मिलेंगी, उन्हें एक ही मुकदमे में शामिल किया जाएगा। फिलहाल, अब्दुल कदीर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है।