ET NOW Global Business Summit 2025: प्रधानमंत्री मोदी ने साझा की भारत की विकास यात्रा
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भारत अब दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के तहत 3 लाख से अधिक गांवों का ड्रोन सर्वेक्षण किया गया है और 2.25 करोड़ से अधिक लोगों को संपत्ति कार्ड दिए गए हैं। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में 100 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान की जा सकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने कई जिलों को 'पिछड़े जिले' के रूप में छोड़ दिया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने इन्हें आकांक्षी जिले घोषित करके इनके विकास पर ध्यान केंद्रित किया है।
मुद्रा योजना के माध्यम से 32 लाख करोड़ रुपये का ऋण उन व्यक्तियों को प्रदान किया गया है जो पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली के तहत ऋण प्राप्त नहीं कर सकते थे।
नई दिल्ली, 15 फरवरी 2025: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में आयोजित ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट 2025 को संबोधित करते हुए भारत की प्रगति, सुधार और परिवर्तन की यात्रा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले एक दशक में उल्लेखनीय सुधार किए हैं, जिनसे देश आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि सरकार की नीतियां 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
वैश्विक मंच पर भारत का बढ़ता विश्वास
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस और अमेरिका की अपनी हालिया यात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि आज दुनिया के बड़े राष्ट्र और वैश्विक मंच भारत पर पहले से कहीं अधिक विश्वास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "आज भारत वैश्विक भविष्य की चर्चाओं के केंद्र में है और कुछ मामलों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।" यह भावना हाल ही में पैरिस में आयोजित एआई एक्शन समिट में भी देखने को मिली।
आर्थिक सुधारों का जिक्र
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 के बाद से भारत में सुधारों की नई क्रांति शुरू हुई है। इसके परिणामस्वरूप भारत अब दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे युवा देश के लिए यह गति बेहद महत्वपूर्ण है और भारत इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
औपनिवेशिक अवशेषों से मुक्ति
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में उपनिवेशवाद के अवशेष लंबे समय तक हमारे समाज और प्रशासन पर हावी रहे। उन्होंने 1860 की दंड संहिता का उदाहरण देते हुए बताया कि ये कानून भारतीय नागरिकों को दंडित करने के लिए बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि नई न्यायिक संहिता लागू होने के बाद से न्याय प्रक्रिया में तेज़ी आई है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कुछ मामलों में अपराधियों को केवल 14-20 दिनों में सजा सुनाई गई है।
स्वामित्व योजना: संपत्ति अधिकारों में सुधार
प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के तहत 3 लाख से अधिक गांवों का ड्रोन सर्वेक्षण किया गया है और 2.25 करोड़ से अधिक लोगों को संपत्ति कार्ड दिए गए हैं। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में 100 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान की जा सकी है। उन्होंने कहा कि यह संपत्ति पहले भी मौजूद थी, लेकिन कानूनी अधिकार के अभाव में इसका उपयोग आर्थिक विकास के लिए नहीं हो पा रहा था। अब संपत्ति कार्ड के जरिए ग्रामीण बैंक से ऋण प्राप्त कर रहे हैं और अपनी आय के नए रास्ते खोल रहे हैं।
आकांक्षी जिलों का प्रेरणादायक जिलों में रूपांतरण
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने कई जिलों को 'पिछड़े जिले' के रूप में छोड़ दिया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने इन्हें आकांक्षी जिले घोषित करके इनके विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने असम के बारपेटा, बिहार के बेगूसराय और उत्तर प्रदेश के चंदौली जैसे जिलों के सुधार का उदाहरण दिया, जहां शिक्षा, पोषण और टीकाकरण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
बैंकिंग और वित्तीय समावेशन
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने बैंकिंग से वंचित लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने के लिए कई रणनीतियां अपनाई हैं। मुद्रा योजना के माध्यम से 32 लाख करोड़ रुपये का ऋण उन व्यक्तियों को प्रदान किया गया है जो पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली के तहत ऋण प्राप्त नहीं कर सकते थे। उन्होंने बताया कि अब लगभग हर गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में एक बैंक शाखा या बैंकिंग एजेंट मौजूद है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंकिंग सुधारों के कारण आज बैंकों का मुनाफा बढ़ा है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अप्रैल से दिसंबर तक 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा दर्ज किया है।
व्यापार करने में आसानी
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने 'व्यापार की चिंता' को 'व्यापार करने में आसानी' में बदल दिया है। उन्होंने जीएसटी के माध्यम से एकल बड़े बाजार की स्थापना का उल्लेख किया, जिससे उद्योगों को काफी लाभ हुआ है। इसके साथ ही सरकार ने सैकड़ों अनुपालनों को समाप्त कर दिया है और अब जन विश्वास 2.0 के माध्यम से और भी कम कर रही है।
चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत की भागीदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों से चूक गया था, लेकिन अब देश चौथी औद्योगिक क्रांति में दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अब देश में कंप्यूटर और तकनीकी क्रांति के लिए अनुकूल माहौल है और भारत वैश्विक नवाचार और अनुसंधान का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
निजी क्षेत्र की भूमिका
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार विकसित भारत की यात्रा में निजी क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण भागीदार मानती है। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष, ड्रोन, वाणिज्यिक कोयला खनन और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया गया है। इससे युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स को व्यापक अवसर मिले हैं।
गरीबी उन्मूलन और मध्यम वर्ग का सशक्तिकरण
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं और अब यह समूह नव-मध्यम वर्ग का हिस्सा बन गया है। इस वर्ग के लोग अब अपने पहले दोपहिया, पहली कार और पहले घर का सपना देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने के लिए इस बार के बजट में शून्य कर सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है।
विश्वास की नींव पर विकसित भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकसित भारत की सच्ची नींव विश्वास है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है। व्यवसायों को स्थिर और सहायक नीतियों का आश्वासन दिया जा रहा है और इनोवेटर्स को एक ऐसा वातावरण प्रदान किया जा रहा है जहां वे अपने विचारों को विकसित कर सकें। प्रधानमंत्री ने ईटी नाउ शिखर सम्मेलन के जरिए विश्वास को और मजबूत करने की आशा व्यक्त की।