रिलायंस न्यू एनर्जी बैटरी लिमिटेड के साथ उन्नत रसायन सेल (एसीसी) योजना के लिए पीएलआई समझौता
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इस समझौते के अंतर्गत रिलायंस को 10 गीगावाट घंटा एसीसी विनिर्माण क्षमता प्रदान की गई है।
यह समझौता भारत की 18,100 करोड़ रुपये की पीएलआई एसीसी योजना के अंतर्गत किया गया है, जिसका उद्देश्य उन्नत बैटरी विनिर्माण को बढ़ावा देना और भारत को बैटरी निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना है।
नई दिल्ली: भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने 17 फरवरी, 2025 को उन्नत रसायन सेल (एसीसी) के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत रिलायंस न्यू एनर्जी बैटरी लिमिटेड के साथ कार्यक्रम समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के अंतर्गत रिलायंस को 10 गीगावाट घंटा एसीसी विनिर्माण क्षमता प्रदान की गई है।
यह समझौता भारत की 18,100 करोड़ रुपये की पीएलआई एसीसी योजना के अंतर्गत किया गया है, जिसका उद्देश्य उन्नत बैटरी विनिर्माण को बढ़ावा देना और भारत को बैटरी निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना है।
मंत्रालय के अनुसार, पीएलआई एसीसी योजना के तहत अब तक चार चयनित लाभार्थी फर्मों को 40 गीगावाट घंटा की संचयी क्षमता प्रदान की जा चुकी है। मार्च 2022 में आयोजित पहले दौर की निविदा में तीन फर्मों को 30 गीगावाट घंटा क्षमता आवंटित की गई थी।
पीएलआई योजना के उद्देश्य:
- स्थानीय मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना
- बैटरी निर्माण की लागत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना
- ईवी और नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण क्षेत्र को समर्थन देना
सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में ईवी बैटरी निर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं को मूल सीमा शुल्क से छूट देकर घरेलू बैटरी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए विशेष उपाय भी किए हैं।
इस पहल से भारत में उन्नत बैटरी निर्माण के लिए अनुकूल माहौल बनेगा, जिससे स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के साथ-साथ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।