महाकुंभ: राष्ट्रपति मुर्मू का विशेष अनुष्ठान, श्रद्धालुओं के लिए नए नियम, भीड़ और यातायात को लेकर बड़ा फैसला,

Tue 11-Feb-2025,03:30 PM IST +05:30

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महाकुंभ: राष्ट्रपति मुर्मू का विशेष अनुष्ठान, श्रद्धालुओं के लिए नए नियम, भीड़ और यातायात को लेकर बड़ा फैसला, राष्ट्रपति मुर्मू का विशेष अनुष्ठान,
  • सोमवार दोपहर 12 बजे तक 83 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।

  • शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक 11 पीपा पुलों में से केवल 4 चालू हैं, जिससे अन्य पुलों पर दबाव बढ़ गया है।

Uttar Pradesh / Prayagraj (Allahabad) :

महाकुंभ का आज 29वां दिन है, और अब तक 43.57 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। सोमवार दोपहर 12 बजे तक 83 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। आपको अवगत कराना है, प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए अरैल घाट से संगम तक बोट संचालन बंद कर दिया गया है। संगम रेलवे स्टेशन को 14 फरवरी तक बंद रखा गया है, और प्रयागराज जंक्शन पर इमरजेंसी क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू किया गया है। शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक 11 पीपा पुलों में से केवल 4 चालू हैं, जिससे अन्य पुलों पर दबाव बढ़ गया है। महाकुंभ से लौटते श्रद्धालुओं के कारण चित्रकूट में 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है, जिसमें लोग घंटों फंसे हैं। वाराणसी की गलियां और सड़कें भी श्रद्धालुओं से खचाखच भरी हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले हर मार्ग पर भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं, जिससे यातायात बाधित हो गया है। 

बताते चलें, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को महाकुंभ में पहुंचीं और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। उन्होंने मंत्रोच्चार के बीच गंगा पूजन और आरती की, भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया तथा मां गंगा को पुष्प अर्पित किए। राष्ट्रपति ने लेटे हनुमान मंदिर में आरती की और फिर अक्षयवट धाम में दर्शन-पूजन किया। उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर सुबह 9:30 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर उतरा, जहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वे अरैल पहुंचीं और बोट से संगम स्नान के लिए रवाना हुईं। राष्ट्रपति शाम चार बजे तक प्रयागराज में रहेंगी। वे देश की दूसरी राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने महाकुंभ में स्नान किया। इससे पहले, 1954 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने संगम में डुबकी लगाई थी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अपने परिवार संग संगम स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।