गुजरात विधानसभा बजट सत्र: अहम विधेयकों और वित्तीय घोषणाओं पर नजर
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

20 फरवरी को वित्त मंत्री कनुभाई देसाई राज्य का वार्षिक बजट पेश करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बजट में 10 नई घोषणाएं की जा सकती हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता ने बताया कि राज्य के कुल व्यय में अनुत्पादक खर्च 1.51 लाख करोड़ रुपये जबकि उत्पादक खर्च 1.33 लाख करोड़ रुपये है।
विपक्षी दलों के संभावित सवालों और बजट को लेकर राजनीतिक बहस भी सत्र में देखने को मिल सकती है। अब सभी की नजरें 20 फरवरी को पेश होने वाले बजट पर टिकी हैं.
गुजरात विधानसभा का बजट सत्र आज (19 फरवरी) से शुरू हो गया है। इस साल के बजट का अनुमानित आकार 3.72 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है। इस सत्र के पहले दिन सरकार दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश कर रही है। पहला, गुजरात क्लिनिकल प्रतिष्ठान (पंजीकरण और विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2025, जो स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए है। दूसरा, गुजरात राज्य फिजियोथेरेपी परिषद (निरसन) विधेयक 2025, जो फिजियोथेरेपी प्रशासन में आवश्यक बदलाव लाएगा। इन दोनों विधेयकों के मसौदे पहले ही सदन के सदस्यों को समीक्षा के लिए उपलब्ध करा दिए गए हैं।
सत्र के दूसरे दिन, 20 फरवरी को वित्त मंत्री कनुभाई देसाई राज्य का वार्षिक बजट पेश करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बजट में 10 नई घोषणाएं की जा सकती हैं। सरकार का पूरा फोकस वित्तीय आवंटन और आगामी वर्षों की प्राथमिकताओं को तय करने पर रहेगा। पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता ने बताया कि राज्य के कुल व्यय में अनुत्पादक खर्च 1.51 लाख करोड़ रुपये जबकि उत्पादक खर्च 1.33 लाख करोड़ रुपये है। यह इंगित करता है कि गैर-उत्पादक खर्च का अनुपात उत्पादक खर्च से अधिक है, जिससे वित्तीय रणनीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है।
बजट में राज्य की अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता मिलने की संभावना है। साथ ही, विधायिका के एजेंडे में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने पर जोर दिया जाएगा। विपक्षी दलों के संभावित सवालों और बजट को लेकर राजनीतिक बहस भी सत्र में देखने को मिल सकती है। अब सभी की नजरें 20 फरवरी को पेश होने वाले बजट पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट होगा कि सरकार राज्य के आर्थिक विकास को किस दिशा में ले जाना चाहती है।