मातृशक्ति के उत्थान के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन, 'शी पावर' ऐप का भव्य शुभारंभ

Fri 21-Feb-2025,10:25 PM IST +05:30

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मातृशक्ति के उत्थान के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन, 'शी पावर' ऐप का भव्य शुभारंभ पुरुष विरोधी उपक्रम कभी नहीं कर सकती भारत की स्त्री: ब्रह्मचारिणी प्रवीणा देसाई
  • मातृशक्ति पर केंद्रित यह आयोजन गीताई मिशन के 52वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया, जिसमें देशभर से समाजसेवा और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी हस्तियों ने भाग लिया।

  • सम्मेलन के दौरान महिलाओं को सशक्त बनाने और अग्रणी महिला नेताओं से जोड़ने के लिए अल्पना भारती और अपूर्वा एस. द्वारा विकसित "शी पावर" मोबाइल ऐप का राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ किया गया।

Maharashtra / Nagpur :

Nagpur/यहां से करीब 60 किमी दूरस्थ काटोल तहसील के पारडसिंगा कस्बे में सती अनसुआ माता संस्थान में 21 फरवरी से मातृशक्ति पर केंद्रित तीन दिवसीय अखिल भारतीय सम्मेलन आरंभ हुआ। महाराष्ट्र के ही वर्धा जिले में धाम नदी के तट पर पवनार में स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी आचार्य विनोबा भावे प्रणीत गीताई मिशन इस समागम का मुख्य आयोजक है। आयोजन की सूत्रधार विनोबा जी की निकट शिष्या रहीं व आचार्यकुल की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जानी-मानी समाजसेवी तथा वयोवृद्ध लेखक-विचारक ब्रह्मचारिणी प्रवीणा देसाई हैं। वे "माई" उपनाम से मशहूर हैं।

इस अवसर पर उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत की स्त्री ने आत्मा की इतनी उपासना की है कि वह पश्चिमी राष्ट्रों की तरह पुरुष विरोधी उपक्रम कभी नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि देश में आधी आबादी होने के बावजूद महिलाएं हर क्षेत्र में आज भी पिछड़ी हुई हैं। गांधी जी और विनोबा भावे जी ने स्त्रियों की शक्ति तथा उनके दैवीय गुणों जैसे प्रेम, करुणा व न्याय क्षमता को देखते हुए उन्हें पुरुषों से श्रेष्ठ माना है और उन्हें मुख्य भूमिका में रखने का प्रयास किया है।

ब्रह्मचारिणी प्रवीणा देसाई ने कहा कि आज उपभोक्तावाद की विश्वव्यापी संस्कृति ने नारी को मात्र उपभोग की वस्तु बनाकर उसकी आत्मा में स्थित सप्त शक्तियों को धूमिल करने की कुचेष्टा की है। उन्होंने कहा कि स्त्री शक्ति में व्याप्त इन्हीं सप्तशक्तियों को जगाने के लिए विनोबा भावे जी द्वारा स्थापित आध्यात्मिक मिशन गीताई मिशन के 52वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय शिविर सह सम्मेलन का आयोजन किया गया है।

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सती माता अनसुया संस्थान के न्यासी दिनेश भाई ठाकरे, प्रयागराज में जारी महाकुंभ में गए संस्थान अध्यक्ष तथा स्थानीय विधायक चरण सिंह ठाकुर की पत्नी श्रीमती वंदना, गुजरात से आए परमधाम वात्सल्यधाम के प्रमुख परेश भाई, मुंबई से आईं जानी-मानी वयोवृद्ध समाजसेवी मधुकांता दोषी, न्यासी दिनेश भाई ठाकरे की पत्नी श्रीमती चित्रा तथा सुप्रतिष्ठित समाजसेवी डॉ. सरोजनी देवेंद्र ने संबोधित किया।

इस मौके पर दिनेश भाई ठाकरे ने उपस्थितों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी प्रकार की शक्ति मां में होती है और मातृशक्ति के कारण ही संसार का अस्तित्व रहता है। वहीं परेश भाई ने अपने उद्बोधन में आत्मदीक्षा लेने की ओर अग्रसर होने का आह्वान किया।

आरंभ में गांधी-विनोबा-जयप्रकाश के विचारों व कार्यों से जुड़ी उन विभूतियों को श्रद्धांजलि दी गई, जो बीते वर्ष में दिवंगत हुई हैं। ब्रह्मचारिणीद्वय दया विजमबार व मैथिली बिसी और ब्रह्मचारी किशोर ने प्रार्थना की। ब्रह्मचारिणी दया ने शंख फूंका।

इस सम्मेलन में देश भर से समाज सेवा से जुड़ी लगभग 100 से अधिक ख्याति प्राप्त महिलाएं देश के कोने-कोने से शामिल हुईं।

अपराह्न चार बजे आरंभ हुए सम्मेलन के दूसरे सत्र में देश की महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु तथा सभी महिलाओं को अपने-अपने क्षेत्र की अग्रणी महिला नेताओं से जोड़ने के लिए "शी पावर" नामक मोबाइल ऐप का भी राष्ट्रीय स्तर पर आगाज किया गया।

सम्मेलन की संयोजक तथा सह-संयोजक और "शी पावर" ऐप की संस्थापक अल्पना भारती तथा अपूर्वा एस. हैं। उन्होंने ही इस मोबाइल ऐप को प्रवर्तित किया है।

सम्मेलन आयोजन में मुख्य योगदान
ब्रह्मचारिणी प्रवीणा देसाई, ब्रह्मचारिणी भाविनी पारेख, ब्रह्मचारिणी दया विजमबार, ब्रह्मचारिणी मैथिली, ब्रह्मचारी किशोर भाई, ब्रह्मचारी रवि, मयूर, डॉ. चंद्रकांत रागीट, धर्मेंद्र सिंह राजपूत, डॉ. प्रसन्न कुमार बम, ध्रुव भाई बड़वानी, संजय पालीवाल, संदेश राऊत आदि का रहा।

भोपाल से "निर्दलीय" के संपादक प्रिंस अभिषेक अज्ञानी, प्रभात शुक्ला और सरोज लता आर्य भी सम्मेलन में सहभागी रहे।