संसद के किसी भी द्वार पर विरोध या प्रदर्शन उचित नहीं है: लोकसभा अध्यक्ष

Fri 20-Dec-2024,10:30 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

संसद के किसी भी द्वार पर विरोध या प्रदर्शन उचित नहीं है: लोकसभा अध्यक्ष संसद के किसी भी द्वार पर विरोध या प्रदर्शन उचित नहीं है: लोकसभा अध्यक्ष
  • लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने संसद की गरिमा और मर्यादा बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया, और सभी सदस्यों से नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

  • संसद के शीतकालीन सत्र में 5 विधेयक पेश किए गए, 4 पारित हुए, और 61 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए, जिसमें शून्यकाल और नियम 377 के तहत कई महत्वपूर्ण मामले उठाए गए।

Delhi / Delhi :

दिल्ली/लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज कहा कि संसद की गरिमा और मर्यादा बनाए रखना सभी सदस्यों का सामूहिक दायित्व है। 18 वीं लोकसभा के तीसरे सत्र ( शीतकालीन सत्र ) के समापन अवसर पर उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसद के किसी भी द्वार पर धरना या प्रदर्शन उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इनके उल्लंघन पर संसद को अपनी गरिमा और मर्यादा बनाए रखने के लिए समुचित कार्रवाई करने का अधिकार है। उन्होंने सभी सदस्यों से हर स्थिति में नियमों के अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर 2024 तक चला। सत्र के दौरान बीस बैठकें हुईं जो लगभग बासठ घंटे तक चलीं। भारतीय संविधान अंगीकार किए जाने की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा पर 13 दिसंबर 2024 को चर्चा आरंभ हुई जो 14 दिसंबर 2024 को संपन्न हुई।

सत्र के दौरान सरकार ने पांच विधेयक पेश किए और चार विधेयक पारित हुए। शून्यकाल में 61 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए और सदस्यों द्वारा अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के 182 मामले उठाए गए। नियम 377 के तहत कुल 397 मामले उठाए गए। सत्र के दौरान सदन के काम-काज की कुल उत्पादकता 57.87 प्रतिशत रही।

28 नवंबर, 2024 को दो नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली। सत्र के दौरान लोकसभा में 17 दिसंबर, 2024 को आर्मेनिया गणराज्य की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष श्री एलन सिमोनियन के नेतृत्व में आर्मेनियाई संसदीय शिष्टमंडल का भी स्वागत किया गया।