Ram Mandir: मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास को आजीवन मिलेगा वेतन, ट्रस्ट ने किया कार्यमुक्त

Mon 23-Dec-2024,04:45 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

Ram Mandir: मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास को आजीवन मिलेगा वेतन, ट्रस्ट ने किया कार्यमुक्त
  • आचार्य सत्येंद्र दास ने 1 मार्च 1992 से राममंदिर में मुख्य अर्चक के रूप में सेवा शुरू की थी। शुरुआत में उनका वेतन मात्र ₹100 प्रति माह था। 

  • रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनका वेतन बढ़ाकर ₹38,500 कर दिया गया। ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है कि सत्येंद्र दास को यह वेतन आजीवन मिलता रहेगा।

  • राममंदिर में वर्तमान में आचार्य सत्येंद्र दास सहित कुल 14 पुजारी सेवा दे रहे हैं। इनमें चार सहायक पुजारी और नौ नए पुजारी शामिल हैं।

Uttar Pradesh / Ayodhya :

Ayodhya/ अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास, जो पिछले 34 वर्षों से रामलला की पूजा-अर्चना का जिम्मा संभाल रहे हैं, को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आजीवन वेतन देने का निर्णय लिया है। हालांकि, बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य के कारण ट्रस्ट ने उनसे कार्यमुक्त होने का निवेदन किया है।

34 सालों की सेवा

आचार्य सत्येंद्र दास ने 1 मार्च 1992 से राममंदिर में मुख्य अर्चक के रूप में सेवा शुरू की थी। शुरुआत में उनका वेतन मात्र ₹100 प्रति माह था। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनका वेतन बढ़ाकर ₹38,500 कर दिया गया। ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है कि सत्येंद्र दास को यह वेतन आजीवन मिलता रहेगा।

ट्रस्ट का निर्णय

25 नवंबर 2024 को ट्रस्ट की बैठक में सत्येंद्र दास को उनकी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए कार्यमुक्त करने का प्रस्ताव रखा गया। ट्रस्ट ने कहा कि सत्येंद्र दास जब भी चाहें, मंदिर आ सकते हैं और पूजा-अर्चना कर सकते हैं। ट्रस्ट ने उन्हें सम्मानजनक विदाई देते हुए आजीवन वेतन की व्यवस्था सुनिश्चित की।

मंदिर की सेवा व्यवस्था

राममंदिर में वर्तमान में आचार्य सत्येंद्र दास सहित कुल 14 पुजारी सेवा दे रहे हैं। इनमें चार सहायक पुजारी और नौ नए पुजारी शामिल हैं। राममंदिर में रामलला की पूजा-अर्चना को व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है।

विध्वंस से निर्माण तक का साक्षी

आचार्य सत्येंद्र दास ने बाबरी विध्वंस से लेकर राममंदिर निर्माण तक की पूरी यात्रा को करीब से देखा है। उन्होंने 28 साल तक टेंट में रहे रामलला की सेवा की और उसके बाद चार साल तक अस्थायी मंदिर में पूजा-अर्चना का कार्य संभाला। रामलला की भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बनकर उन्होंने अपनी सेवाएं जारी रखीं।

सत्येंद्र दास का बयान

मुख्य पुजारी ने कहा, "ट्रस्ट ने स्वास्थ्य और उम्र को ध्यान में रखते हुए कार्यमुक्त किया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब इच्छा हो, मंदिर आ सकता हूं। वेतन भी आजीवन मिलता रहेगा। फिलहाल, मैं अभी मंदिर जा रहा हूं और किसी प्रकार की रोक नहीं है।"