सड़क हादसों के पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार योजना, नितिन गडकरी ने क्या ऐलान
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योजना को पहले छह राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया था, जिनमें असम, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड और पुडुचेरी शामिल हैं। नितिन गडकरी ने बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट के जरिए 2,100 लोगों की जान बचाई गई।
सड़क दुर्घटनाओं में 30,000 से अधिक मौतें केवल हेलमेट न पहनने के कारण हुईं। सरकार ने स्कूल बसों और ऑटो रिक्शा के लिए सुरक्षा मानकों को और कड़ा करने के निर्देश दिए हैं।
हिट एंड रन मामलों में मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है। कैशलेस उपचार योजना और हिट एंड रन मामलों में मुआवजे की योजना से न केवल सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि पीड़ितों को त्वरित चिकित्सा सहायता भी मिलेगी।
नई दिल्ली: भारत में सड़क हादसों के पीड़ितों के लिए राहत भरी खबर आई है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कैशलेस उपचार योजना का ऐलान किया है। इस योजना के तहत सड़क हादसों में घायल हुए लोगों को सात दिन तक कैशलेस इलाज मिलेगा, जिसका खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। उन्होंने हिट एंड रन के मामलों में भी पीड़ित परिवारों के लिए दो लाख रुपये तक मुआवजा देने की घोषणा की।
क्या है कैशलेस उपचार योजना
मंगलवार को भारत मंडपम में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक के बाद नितिन गडकरी ने यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत:
- सड़क हादसे के पीड़ित को 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा।
- हादसे की सूचना पुलिस को 24 घंटे के भीतर देनी होगी।
- सरकार सात दिन तक अस्पताल में भर्ती मरीज का इलाज करवाएगी।
- हिट एंड रन मामलों में मृतकों के परिवार को 2 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।
सड़क सुरक्षा पर सरकार का फोकस
गडकरी ने बताया कि सड़क सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि 2024 में सड़क हादसों में करीब 1.80 लाख लोगों की जान गई, जिनमें से:
- 30 हजार मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं।
- 66% हादसे 18-34 वर्ष की आयु के लोगों के साथ हुए।
- स्कूलों और कॉलेजों के पास उचित व्यवस्था के अभाव में 10 हजार बच्चों की मौत हुई।
सरकार ने स्कूल-कॉलेज के पास ऑटो रिक्शा और मिनी बसों के लिए नियम बनाए हैं। गडकरी ने कहा, "हम सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे।"
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता
इस योजना को पहले छह राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया था, जिनमें असम, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड और पुडुचेरी शामिल हैं। नितिन गडकरी ने बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट के जरिए 2,100 लोगों की जान बचाई गई। यह प्रोजेक्ट सफल होने के बाद अब इसे पूरे देश में लागू किया जा रहा है।
हेलमेट और सड़क सुरक्षा नियमों पर जोर
गडकरी ने बताया कि हेलमेट पहनने से सड़क हादसों में होने वाली मौतें काफी हद तक रोकी जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में 30,000 से अधिक मौतें केवल हेलमेट न पहनने के कारण हुईं। सरकार ने स्कूल बसों और ऑटो रिक्शा के लिए सुरक्षा मानकों को और कड़ा करने के निर्देश दिए हैं।
राज्यों के साथ तालमेल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर तालमेल से सड़क सुरक्षा में सुधार किया जा सकता है। परिवहन मंत्रियों की बैठक में राज्यों से सुझाव लेकर सड़क परिवहन की नीतियों में सुधार पर चर्चा की गई।
हिट एंड रन मामलों के लिए मुआवजा
हिट एंड रन मामलों में मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है। गडकरी ने कहा कि इससे पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद मिलेगी। नितिन गडकरी की यह घोषणा सड़क हादसों में घायल लोगों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत है। कैशलेस उपचार योजना और हिट एंड रन मामलों में मुआवजे की योजना से न केवल सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि पीड़ितों को त्वरित चिकित्सा सहायता भी मिलेगी।