भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए आई) की विकास यात्रा
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जबलपुर/
परिचय
भारत ने तकनीकी क्रांति को अपनाया है । 16 जुलाई, 2024 को मनाये जाने वाला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए आई) प्रशंसा दिवस देश भर में ए आई के परिवर्तनकारी प्रभावों की सरहाना करने का एक बेहतर अवसर है। यह कहना गलत न होगा कि मौजूदा दौर में शहरी तकनीकी केंद्रों से लेकर गांवों तक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए आई) उद्योगों, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और शासन को नया रूप दे रहा है।
वैश्विक ए. आई. पावरहाउस के रूप में भारत की उभरती स्थिति बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों में स्पष्ट रूप से झलकती है । "ए.आई. फॉर ऑल" और राष्ट्रीय एआई रणनीति सामाजिक लाभ के लिए एआई का उपयोग करने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। जैसा कि हम विशिष्ट रूप से भारत में चुनौतियों का समाधान करने के लिए ए.आई. की क्षमता का उत्सव मनाते हैं, तो हमें इसके नैतिक प्रभावों पर भी विचार करना चाहिए । समावेशी विकास सुनिश्चित करना चाहिए जो हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करता है और सभी नागरिकों को लाभान्वित करता है।
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता) का विकास
[1] भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) का इतिहास क्रमिक विकास की कहानी है, जो हाल के वर्षों में तेजी से हुई है।
[2] हालांकि, भारत प्रारंभ में ए. आई. अनुसंधान में अग्रणी नहीं था, लेकिन, इसने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, विशेष रूप से इस सहस्राब्दी की शुरुआत के बाद से।
- शुरुआती दिन (1960-80 दशक):
- भविष्य में ए. आई. विकास की नींव रखते हुए, आई. आई. टी. कानपुर और आई. आई. एससी. बेंगलूरु जैसे भारतीय संस्थानों ने कंप्यूटर विज्ञान अनुसंधान शुरू किया।
- 1986 में, ज्ञान आधारित कंप्यूटर सिस्टम (के.बी.सी.एस.) परियोजना शुरू की गई थी, जो भारत का पहला प्रमुख ए. आई. अनुसंधान कार्यक्रम था।
- स्थापना (1990 का दशक):
- 1988 में सी-डैक (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग) की स्थापना ने सुपरकंप्यूटिंग क्षमताओं को बढ़ावा दिया, जिसने अप्रत्यक्ष रूप से एआई अनुसंधान का समर्थन किया।
- भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों ने मुख्य रूप से व्यावसायिक प्रक्रिया स्वचालन में ए. आई. अनुप्रयोगों की खोज शुरू की।
- विकास का चरण (2000 का दशक):
- टी. सी. एस., इंफोसिस और विप्रो जैसे भारतीय आई. टी. दिग्गज कंपनियों ने ए. आई. अनुसंधान और विकास में निवेश करना शुरू किया।
- शैक्षणिक संस्थानों ने अपने ए. आई. और मशीन लर्निंग कार्यक्रमों का विस्तार किया।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) में तेजी (2010):
- 2014-15: ए.आई. सहित उभरती प्रौद्योगिकियों के महत्व पर जोर देते हुए "डिजिटल इंडिया" पहल शुरू की गई थी।
- 2018: नीति आयोग ने आर्थिक विकास और सामाजिक समावेश हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) का लाभ उठाने के लिए भारत के नजरिए को रेखांकित करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए राष्ट्रीय रणनीति जारी की।
- ए. आई. समाधानों पर ध्यान केंद्रित करने वाले भारतीय स्टार्टअप उभरने लगे और महत्वपूर्ण अनुदान प्राप्त करने लगे।
- वर्तमान दौर में (2020):
- सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की पहलों के लिए एआई एक प्रमुख फोकस क्षेत्र बन गया है।
- भारत स्वास्थ्य सेवा से लेकर कृषि और स्मार्ट शहरों तक के अनुप्रयोगों के साथ खुद को वैश्विक एआई केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है।
- सरकार ने "एआई फॉर ऑल" जैसी पहल शुरू की है और एआई को शिक्षा तथा शासन सहित विभिन्न क्षेत्रों से जोड़ रही है।
इस विकास यात्रा के दौरान, भारत ने वैश्विक एआई परिदृश्य में अपनी खास स्थिति बनाने के लिए सॉफ्टवेयर विकास और डेटा प्रसंस्करण में अपनी ताकत का लाभ उठाया है। देश की विविध जनसांख्यिकीय और जटिल सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों ने उभरते बाजारों के अनुरूप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) समाधान विकसित करने के लिए एक अनुकूल स्थिति प्रदान की है।
आज भारत एआई क्रांति के शिखर पर खड़ा है। इसमें नैतिक और समावेशी एआई विकास में अग्रणी बनने की क्षमता है जो स्थानीय और वैश्विक दोनों चुनौतियों का समाधान करता है।
सरकार की पहलः भारत के लिए एआई 2.0
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने विश्व युवा कौशल दिवस से ठीक पहले 15 जुलाई, 2023[3] को "एआई फॉर इंडिया 2.0" पहल की शुरुआत की। यह कार्यक्रम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
"एआई फॉर इंडिया 2.0" पहल की प्रमुख विशेषताएं
- विश्व युवा कौशल दिवस, 15 जुलाई, 2023 को शुरू किया गया।
- कौशल भारत और जीयूवीआई की संयुक्त पहल।
- एनसीवीईटी और आईआईटी मद्रास द्वारा मान्यता प्राप्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर नि:शुल्क ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- इसका उद्देश्य युवाओं को भविष्य में नौकरियों हेतु तैयार करने के लिए आवश्यक एआई कौशल से लैस करना है।
- कई भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रमों की पेशकश करके प्रौद्योगिकी शिक्षा में भाषा की बाधाओं को दूर करने पर जोर देता है।
प्रगति के लिए एआईः विकास के लिए कुछ प्रमुख पहल
- स्किल इंडिया एआई पोर्टलः तकनीकी फर्मों और शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पाठ्यक्रम, शिक्षण और प्रमाणन प्रदान करने वाला एक ऑनलाइन मंच।
- राष्ट्रीय एआई कौशल कार्यक्रमः मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और एआई नीति को शामिल करते हुए उद्योग के दिग्गजों के साथ अनुकूलित प्रशिक्षण मॉड्यूल के माध्यम से एआई कौशल को बढ़ाना।
- एआई यूथ बूटकैम्पः युवा छात्रों के बीच एआई रुचि और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों द्वारा व्यावहारिक परियोजनाएं, हैकाथॉन और मार्गदर्शन।
- व्यावसायिक प्रशिक्षण में एआई: पारंपरिक व्यवसायों में श्रमिकों की दक्षता और अनुकूलन क्षमता बढ़ाने के लिए व्यावसायिक कार्यक्रमों में एआई उपकरणों को शामिल करना।
- एआई अनुसंधान और नवाचार कोषः नवीन एआई समाधानों के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए अनुदान के साथ एआई अनुसंधान परियोजनाओं और स्टार्टअप की मदद करना।
- एआई क्षमता विकास केंद्रः एआई शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग सहयोग के लिए विभिन्न क्षेत्रों में एआई क्षमता विकास केंद्रों की स्थापना।
- वैश्विक प्रौद्योगिकी दिग्गजों के साथ सहयोग : भारत में विश्व स्तरीय एआई शिक्षा, संयुक्त प्रमाणन और अनुसंधान पहल प्रदान करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और आईबीएम के साथ साझेदारी।
[4] भारत में बदलाव: प्रमुख क्षेत्रों और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में एआई की भूमिका
एआई भारत में क्रांति ला रही है, स्वायत्त वाहनों और स्मार्ट यातायात प्रबंधन के साथ शहरी गतिशीलता को बढ़ा रही है, सटीक खेती के साथ कृषि को अनुकूलित कर रही है, और स्मार्ट शिक्षण प्रणालियों के माध्यम से शिक्षा को हर शख्स तक पहुंचा रही है। स्वास्थ्य सेवा में एआई, निदान और रोगी देखभाल में सुधार करता है, जबकि स्मार्ट शहरों में, यह कुशल ऊर्जा प्रबंधन और निगरानी को सक्षम बनाता है।
भारत का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अनुसंधान परितंत्र राष्ट्रीय एआई रणनीति, अत्याधुनिक अनुसंधान का संचालन करने वाले शैक्षणिक संस्थानों और नवाचार को बढ़ावा देने वाली उद्योग साझेदारी जैसी सरकारी पहलों के साथ उन्नति कर रहा है। व्यवसायिक स्टार्टअप परितंत्र विविध एआई समाधान विकसित करता है, जो भारत को वैश्विक एआई अग्रणी के रूप में स्थापित करता है और सतत विकास को बढ़ावा देता है।
सभी क्षेत्रों में एआई को स्वीकृति:
एआई के संभावित अनुप्रयोग असीम प्रतीत होते हैं। भविष्य में विकास के कुछ क्षेत्रों में शामिल हैंः
- उन्नत स्वास्थ्य सेवाः एआई व्यक्तिगत चिकित्सा, बीमारी का जल्दी पता लगाने और यहां तक कि एजिंग प्रोसेस को पूर्णतया बदल देने में सफलता की ओर ले जा सकता है।
- जलवायु परिवर्तन शमनः एआई टिकाऊ प्रौद्योगिकियों के विकास और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए संसाधन उपयोग को अनुकूलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
- अंतरिक्ष अन्वेषणः एआई - संचालित प्रणालियां अन्य ग्रहों के अन्वेषण और संभावित उपनिवेशीकरण में सहायता कर सकती हैं।
- आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (एजीआई): मानव जैसी सामान्य बुद्धिमत्ता के साथ एआई प्रणालियों का विकास शोधकर्ताओं के लिए एक दीर्घकालिक लक्ष्य बना हुआ है।
- [5]मानव - एआई सहयोगः भविष्य की प्रगति से हमारे दैनिक जीवन में एआई सहायकों का निर्बाध एकीकरण हो सकता है, जिससे अभूतपूर्व तरीकों से मानव क्षमताओं में वृद्धि हो सकती है।
ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन 2024: एआई के भविष्य को को निर्धारित करना
भारत ने 3 से 4 जुलाई, 2024 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, जो देश की एआई यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इसमें 12,000 से अधिक वैश्विक एआई विशेषज्ञ, पेशेवर और 50 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जो वैश्विक एआई परिदृश्य में भारत के बढ़ते प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं। इस कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक भागीदारी (जीपीएआई) [6] में भारत के नेतृत्व और वैश्विक स्तर पर जिम्मेदार एआई विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया गया।
मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
- इंडिया एआई मिशन के सात स्तंभों पर ध्यान केंद्रित: कंप्यूट क्षमता, आधारभूत मॉडल, डेटासेट, एप्लिकेशन डेवलपमेंट, भविष्य के कौशल, स्टार्टअप फाइनेंसिंग और सुरक्षित एआई।
- बड़े भाषा मॉडल से लेकर वैश्विक स्वास्थ्य अनुप्रयोगों तक एआई के विभिन्न पहलुओं को कवर करने वाले 12 व्यापक सत्र।
- एआई तकनीक को व्यापक बनाने और इसे सभी के लिए सुलभ बनाने पर जोर।
- एआई के लिए भारत की बुनियादी संरचना की तैयारी और एआई युग में सुरक्षा, विश्वास और नियंत्रण सुनिश्चित करने पर चर्चा।
- 16 डीप-टेक स्टार्टअप द्वारा वास्तविक दुनिया के एआई समाधानों का प्रदर्शन।
- वैश्विक तकनीकी अग्रणी कंपनियों और नीति निर्माताओं की भागीदारी के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग।
- मार्च 2024 में स्वीकृत भारत के 1.25 बिलियन डॉलर के इंडियाएआई मिशन के साथ संरेखण।
- आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक भागीदारी (जीपीएआई) के बीच एआई पर एक नई एकीकृत साझेदारी एआई शासन और विकास में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को और मजबूत करेगी।
📍ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन
ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन 2024 वैश्विक हितधारकों के लिए सहयोग करने, नवाचार करने और एआई के भविष्य को आकार देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। भारत नैतिक मानकों और समावेशिता की रक्षा करते हुए, जिम्मेदार एआई विकास को प्राथमिकता देकर एआई की परिवर्तनकारी क्षमता का दोहन करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है। जैसे-जैसे शिखर सम्मेलन आगे बढ़ेगा, यह वैश्विक एआई परिदृश्य में भारत के नेतृत्व को मजबूत करने में सहयोग करेगा, एक ऐसे भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा जहां एआई लाभ सभी के लिए सुलभ हो और यह दुनिया भर में सामाजिक-आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
निष्कर्ष
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप्रिसिएशन (प्रोत्साहन) दिवस बुद्धिमान प्रणालियों के विकास में हमारे द्वारा की गई अविश्वसनीय प्रगति और आगे आने वाली विशाल संभावनाओं की याद दिलाता है। यह उपलब्धियों पर गर्व करने, चुनौतियों का गंभीरतापूर्वक सामना करने और एक ऐसे एआई-सक्षम भविष्य को आकार देने में सक्रिय रूप से भाग लेने का दिन है जो पूरी मानवता को लाभ पहुंचाए।
इस दिन हम उत्सव मनाते हैं। आइए, एआई की परिवर्तनकारी शक्ति को अपनाएं और साथ ही इसके विकास को नैतिक और स्थायी रूप से निर्देशित करने की अपनी जिम्मेदारी के प्रति सचेत रहें। एआई का भविष्य पूर्वनिर्धारित नहीं है - यह एक ऐसा भविष्य है जिसे बनाने में हम सभी का हाथ है।
संदर्भ:
https://www.indiascienceandtechnology.gov.in/sites/default/files/AI%20Trend%20story.pdf
https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1939809
https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1939809
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1638794
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https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1637755
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1844727
https://x.com/MSDESkillIndia/status/1680216944899751938
https://msde.gov.in/sites/default/files/2023-08/Monthly%20Summay%20July%2023-Eng.pdf
https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2030219
https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2030512
https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2030838
Santosh Kumar/ Sarla Meena/ Ritu Kataria/ Anjali Gupta