किरण राव की लापता लेडीज Oscars 2025 की रेस में हुई शामिल
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने 29 फिल्मों की लिस्ट में से लापता लेडीज का चुनाव किया है।
लापता लेडीज इसी साल 1 मार्च 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इससे पहले फिल्म की 48वें टोरंटों इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 8 सितंबर को स्क्रीनिंग की गई थी।
दरअसल लापता लेडीज महिलाओं के अलग-अलग पक्षों को सामने लाती एक अहम फिल्म है।
मुंबई/चन्नई में एक कार्यक्रम में 97वें अकैडमी अवॉर्ड में बेस्ट फ़ॉरेन फिल्म कैटेगरी के लिए ऑफिशियल अनाउंसमेंट का सिलेक्शन करने वाली टॉप संस्था द फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्यों ने अकादमी पुरस्कारों में भारत की ऑफिशियल एंट्री के तौर पर लापता लेडीज के नाम की अनाउंसमेंट की। लापता लेडीज फ़ॉरेन फिल्म कैटेगरी में अवॉर्ड के लिए भेजी जाएगी। लापता लेडीज अमीर खान के प्रोडक्शन हाउस ‘अमीर खान प्रोडक्शन्स’ के बैनर तले बनाई गई है।
लापता लेडीज इसी साल 1 मार्च 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इससे पहले फिल्म की 48वें टोरंटों इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 8 सितंबर को स्क्रीनिंग की गई थी। स्क्रीनिंग के दौरान फिल्म की तारीफ हुई थी। रिलीज के बाद फिल्म को समीक्षकों की ओर से खूब सराहना हासिल हुई।
बताते चलें कि, फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने 29 फिल्मों की लिस्ट में से लापता लेडीज का चुनाव किया है। ऑस्कर्स में ऑफिशियल एंट्री बनाने की रेस में रणबीर कपूर स्टारर और संदीप रेड्डी वांगा निर्देशित फिल्म अनिमल भी थी। इसके अलावा ज्यूरी के सामने मलयालम नेशनल अवॉर्ड विनर फिल्म ‘आट्टम’ और कान्स में अवॉर्ड जीतने वाली । ऑल वी इमैजिन एज लाइट’ जैसी फिल्में भी थी। हालांकि तमाम फिल्मों को लापता लेडीज ने पीछे छोड़ दिया।
दरअसल लापता लेडीज महिलाओं के अलग-अलग पक्षों को सामने लाती एक अहम फिल्म है। फिल्म दो ऐसी लड़कियों की कहानी कहती है, जो किसी तरह एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं। एक लड़की फूल कुमारी (नितांशी गोयल) है, जिसकी शादी दीपक कुमार (स्पर्श श्रीवास्तव) से होती है। ये भारत के गाँव में रहने वाली वो लड़की है, जो कभी अपने गाँव से बाहर ही नहीं निकली। दूसरी जया (प्रतिभा रांटा) है, जो आजाद होना चाहती है। दोनों की शादी होती है। दोनों एक ही ट्रेन से ससुराल के लिए निकलते है। फिर यहाँ से शुरू हो जाती है, असली कहानी। फिल्म महिलाओं से जुड़े कई छोटे बड़े मुद्दों को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश करती है। दहेज प्रथा, महिलाओं की आजादी, महिलाओं को बाहर निकलने की मनाही, पुरुषों का महिलाओं के प्रति रवैया। ऐसे कई अहम मुद्दों को फिल्म में बड़े ही रोचक ढंग से दिखाया है।
लापता लेडीज नितांशी गोयल, प्रतिभा रांटा, स्पर्श श्रीवास्तव, रवि किशन और छाया कदम जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में नजर आए हैं। इनके अलावा फिल्म में भास्कर झा, दुर्गेश कुमार, गीता अग्रवाल, पंकज शर्मा, रचना गुप्ता, अबीर जैन, कीर्ति जैन, दाऊद हुसैन, प्रांजल पटेरिया, समर्थ होहर, सतेन्द्र सोनी, रवि कपाड़िया और किशोर सोनी जैसे कलाकार भी नजर आए हैं। इस फिल्म की कहानी बिप्बल गोस्वामी की है और इसके स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स को स्नेह देसाई ने लिखा है। फिल्म में संगीत राम संपथ ने दिया है। गाने इसके खासे पसंद किए गए हैं। इसके लिरिसिस्ट स्वानन्द किरकिरे, प्रशांत पांडे और दिव्यानिधि शर्मा हैं।
बाता दें कि, पिछले साल एंट्री जूड एंथनी जोसफ की फिल्म 2018 थी जो 96वें ऑस्कर अवॉर्ड्स की शॉर्टलिस्ट में जगह नहीं बना पाई थी। हालांकि 95वें ऑस्कर में भारत की परफॉर्मेस बेहतरीन रही क्योंकि एस. एस राजामौली की आरआरआर के नाटू नाटू गाने ने बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग के लिए ऑस्कर जीता था। कार्तिकी गोंसाल्वेस और गुनीत मोंगा की डॉक्यूमेंट्री 'द एलीफेंट व्हिस्परर्स' ने बेस्ट डॉक्यूमेंट्री (शॉर्ट) की कैटेगरी में अवॉर्ड जीता। शैानक सेन की ‘ऑल दैट ब्रीथ्स’ बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर अमीर खान-आशुतोष गोवारिकर की लगान (2001) थी जो 75वें अकादमी पुरस्कार में ‘नो मैन्स लैंड’ से हार गई थी।