Bhopal: एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील बड़े तालाब की सुंदरता देख रह जाएंगे आप दंग

Mon 23-Sep-2024,02:50 PM IST +05:30

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Bhopal: एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील बड़े तालाब की सुंदरता देख रह जाएंगे आप दंग भोपाल: बड़ा तालाब
  • तालाब का कुल भराव क्षेत्रफल 31 किमी है, पर अतिक्रमण एवं सूखे के कारण यह क्षेत्र 8-9 किलोमीटर में ही सिमट कर रह गया है।

  • भोपाल की लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या को यह झीलनुमा तालाब लगभग तीस मिलियन गैलन पानी रोज देता है।

Madhya Pradesh / Bhopal :

भोपाल/ भोपाल के मध्य में स्थित मानव निर्मित एक झील है। इस तालाब का निर्माण 11वीं सदी में किया गया था। भोपाल की यह विशालकाय जल संरचना अंग्रेज़ी में ‘अपर लेक’ कहलाती है। इसी को बड़ा तालाब कहा जाता है। इसे एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील भी माना जाता है। शहर के पश्चिमी हिस्से में स्थित यह तालाब भोपाल के निवासियों के पीने के पानी का सबसे मुख्य स्रोत है। इसका निर्माण 11वीं सदी में राजा भोज ने करवाया था। बेहद प्राचीन और जन-उपयोगी इस जलाशय का इतिहास अनेक खट्टे-मीठे अनुभवों से भरा हुआ है। तालाब का कुल भराव क्षेत्रफल 31 किमी है, पर अतिक्रमण एवं सूखे के कारण यह क्षेत्र 8-9 किलोमीटर में ही सिमट कर रह गया है। भोपाल की लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या को यह झीलनुमा तालाब लगभग तीस मिलियन गैलन पानी रोज देता है। इस बड़े तालाब के साथ ही एक ‘छोटा तालाब’ भी है और यह दोनों जल क्षेत्र मिलकर एक विशाल ‘भोज वेटलैंड’ का निर्माण करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय रामसर सम्मेलन के घोषणा पत्र में संरक्षण की संकल्पना हेतु शामिल है।

बड़ा तालाब के पूर्वी छोर पर भोपाल शहर बसा हुआ है, जबकि इसके दक्षिण में "वन विहार नेशनल पार्क" है, इसके पश्चिमी और उत्तरी छोर पर कुछ मानवीय बसाहट है, जिसमें से अधिकतर इलाका खेतों वाला है। इस झील का कुल क्षेत्रफल 31 वर्ग किलोमीटर है और इसमें लगभग 361 वर्ग किमी इलाके से पानी एकत्रित किया जाता है। इस तालाब से लगने वाला अधिकतर हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र है, लेकिन अब समय के साथ कुछ शहरी इलाके भी इसके नज़दीक बस चुके हैं। कोलांस नदी जो कि पहले हलाली नदी की एक सहायक नदी थी, लेकिन एक बांध तथा एक नहर के जरिये कोलांस नदी और बड़े तालाब का अतिरिक्त पानी अब कलियासोत नदी में चला जाता है।

बड़े तालाब की खासियत

भोपाल शहर की सीमाओं के अंदर निर्मित एक ताल, भोज ताल से लिया गया है। एक और मत यह है कि यह ‘भोज पाल’ या ‘भोज के बांध’ पर आधारित है। आधुनिक भोपाल शहर सन 1722 से अस्तित्व में है, जब दोस्त मुहम्मद ने मौजूदा ताल की उत्तरी दिशा में फ़तेहगढ़ किले का निर्माण प्रारंभ किया। किसी भी अतिरेकी बहाव को नियंत्रित करने के लिए ऊपरी ताल (बड़ा तालाब) और निचला ताल एक जलसेतु से जुड़े हैं।