राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) का उद्देश्य

Tue 03-Dec-2024,05:23 PM IST +05:30

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राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) का उद्देश्य
Delhi / New Delhi :

न्यू दिल्ली/ पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) फरवरी, 2014 से पूरे देश में “राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी)” योजना कार्यान्वित कर रहा है। इस योजना को निम्नलिखित दो घटकों के साथ वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक कार्यान्वयन के लिए जुलाई 2021 में पुनर्गठित/पुन: संरेखित किया गया है।

(i) एनपीडीडी का घटक 'क' राज्य सहकारी डेयरी परिसंघों/जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों/एसएचजी/दुग्ध उत्पादक कंपनियों/किसान उत्पादक संगठनों के लिए गुणवत्ता वाले दूध परीक्षण उपकरणों के साथ-साथ प्राथमिक प्रशीतन सुविधाओं के लिए अवसंरचना के निर्माण/सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित है।

(ii) एनपीडीडी योजना का घटक 'ख' "सहकारिताओं के माध्यम से डेयरी" का उद्देश्य संगठित बाजार में किसानों की पहुंच बढ़ाकर, डेयरी प्रसंस्करण सुविधाओं और विपणन अवसंरचना का उन्नयन करके तथा उत्पादक स्वामित्व वाली संस्थाओं की क्षमता में वृद्धि करके दूध और डेयरी उत्पादों की बिक्री में वृद्धि करना है।

एनपीडीडी योजना के प्रारंभ से इसकी प्रमुख उपलब्धियों का विवरण निम्नानुसार है-

i. 19.09 लाख अतिरिक्त किसानों का नामांकन किया गया, 22,865 डेयरी सहकारी समितियों (डीसीएस) को संगठित/पुन: चालू किया गया और प्रतिदिन 111.04 लाख किलोग्राम अतिरिक्त दूध की खरीद की गई।

ii. ग्राम स्तर पर 47,857 डेयरी सहकारी समितियों में स्वचालित दुग्ध एकत्रण इकाइयां/डाटा प्रोसेसिंग यूनिट और दूध एनालाइजर लगाए गए तथा ग्राम स्तर (क्लस्टर स्तर) पर 6,266 डेयरी सहकारी समितियों में इलेक्ट्रॉनिक दूध अपमिश्रण परीक्षण उपकरण लगाए गए।

iii. ग्राम स्तरीय डेयरी सहकारी समितियों में 113.30 लाख लीटर प्रशीतन क्षमता के साथ 5125 बल्क मिल्क कूलर लगाए गए।

iv. प्रतिदिन 27.53 लाख लीटर दूध प्रसंस्करण और 30 मीट्रिक टन मूल्य वर्धित उत्पाद क्षमता निर्मित की गई तथा लगभग 82 डेयरी संयंत्रों का सुदृढ़ीकरण/नवीनीकरण किया गया।

v. जिला/क्षेत्रीय स्तर पर 231 सहकारी डेयरी संयंत्र (जिनमें इलेक्ट्रॉनिक मिलावट जांच उपकरण नहीं हैं) को अपमिश्रण का पता लगाने वाले उपकरणों से युक्त किया गया और दूध के सभी मानदंडों, अपमिश्रकों, अवशिष्टों, भारी धातुओं, माइक्रोबायोलोजिकल आदि की जांच के लिए 15 राज्य केन्द्रीय प्रयोगशालाओं को अनुमोदित/सुविधायुक्त किया गया।

vi. 25 मिल्क पार्लर और 4 वॉक-इन-कोल्ड स्टोर स्थापित किए गए हैं तथा विपणन अवसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए 125 विसी-कूलर और 1234 डीप फ्रीजर स्थापित किए गए हैं।

उपर्युक्त पहलों ने दूध की गुणवत्ता में सुधार करने और हानि/अपव्यय को कम करने में योगदान दिया है।

राज्य, संघ राज्य क्षेत्रों तथा पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों/योजनाओं/पहलों के अतिरिक्त एनपीडीडी ने भी देश में दूध उत्पादन को वर्ष 2014-15 में 146.31 एमएमटी से बढ़ाकर वर्ष 2022-23 में 230.58 एमएमटी करने में योगदान दिया।

एनपीडीडी योजना लाभार्थीन्मुखी नहीं है। हालांकि, नामांकित दुग्ध उत्पादकों/डेयरी सहकारी समितियों के किसान-सदस्यों/दुग्ध उत्पादक संस्थाओं आदि को राज्य दुग्ध परिसंघों/संघों/उत्पादक कंपनियों के माध्यम से अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान किए जाते हैं जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।

एनपीडीडी योजना के घटक क के अंतर्गत 3567.42 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय (2644.43 करोड़ रु. की केंद्रीय हिस्सेदारी सहित) से 218 परियोजनाएं अनुमोदित की गई हैं। एनपीडीडी योजना के घटक ख के अंतर्गत कुल 1343.00 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत (841.55 करोड़ रुपये की ऋण राशि, 388.54 करोड़ रुपये के अनुदान और 112.92 करोड़ रुपये के सहभागी संस्थान (पीआई) के योगदान सहित) के साथ 35 परियोजनाएं अनुमोदित की गई हैं। योजना के अंतर्गत अनुमोदित कुल 253 परियोजनाओं में से 142 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। घटक क और घटक ख के अंतर्गत अनुमोदित परियोजनाओं, पूर्ण और जारी परियोजनाओं के साथ आवंटित निधियों का राज्य-वार विवरण क्रमशः अनुबंध- I और II में  दिया गया है।

घटक क और घटक ख के अंतर्गत संगठित डेयरी सहकारी समितियों (दुग्ध संग्रहण केन्द्रों), स्थापित/संस्वीकृत बल्क मिल्क कूलरों (बीएमसी) और सृजित/संस्वीकृत प्रसंस्करण क्षमता का राज्य-वार विवरण क्रमश अनुबंध III और IV में दिया गया है।

ऊपर उल्लिखित अनुसार दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए अवसंरचना को सुदृढ़/सृजित करने और संगठित डेयरी क्षेत्र के कवरेज को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से जुलाई 2021 में एनपीडीडी योजना का पुनर्गठन/पुनर्संरेखण किया गया है। इसके अतिरिक्त, योजना के घटक ख का कार्यान्वयन जो 2 राज्यों (उत्तर प्रदेश और बिहार) तक सीमित था, को बढ़ाकर वर्ष 2023-24 में 9 राज्यों (बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल) को शामिल करने के लिए विस्तारित किया गया है।