श्री सिद्धि विनायक मंदिर
महाराष्ट्र/सिद्धि विनायक मंदिर देवों के देव महादेव के पुत्र कहे जाने वाले भगवान गणेश का मंदिर है। भगवान गणेश को विनायक और विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। भगवान गणेश की असीम अनुकंपा वाला श्री सिद्धि विनायक मंदिर महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित है। गणेश जी के बारे में यह कहा जाता है कि गणेश जी की जिन मूर्तियों में सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और जिन मंदिरों में यह प्रतिमाएँ स्थापित होती हैं वह सिद्धि विनायक मंदिर कहलाते हैं। महाराष्ट्र के इस सिद्धि विनायक मंदिर के बारे में यह कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति सच्ची आस्था से इस मंदिर में दर्शन करने आता है तो विघ्नहर्ता रूपी सिद्धि विनायक उस व्यक्ति के सारे कष्टों को दूर कर देते हैं और उसको अपनी शरण में ले लेते हैं।
सिद्धि विनायक मंदिर की सुंदरता का कोई जवाब नहीं है। यह मंदिर एक चतुर्भुजी विग्रह है। मंदिर में स्थापित सिद्धि विनायक मूर्ति के ऊपरी दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक भरा एक कटोरा है। गणेश जी की मूर्ति के दोनों ओर उनकी दोनो पत्नियां रिद्धि और सिद्धि की मूर्ति हैं। जिससे दृश्य भक्तिभाव से जुड़ जाता है। माता रिद्धी और सिद्धि धन, ऐश्वर्य, सफलता और भक्तों के समस्त कष्ट दूर करने वाली हैं। भगवान गणेश की यह मूर्ति उनके अन्य मंदिरों में मौजूद मूर्तियों से सबसे अलग और सुंदर है। भगवान गणेश की इस मूर्ति के माथे पर भगवान शिव के समान तीसरा नेत्र बना हुआ है और उनके गले में एक सर्प लटका हुआ है।
महाराष्ट्र के सिद्धि विनायक मंदिर की एक खास बात यह भी है कि इस मंदिर में हिन्दू धर्म के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर के बारे में यह कहा जाता है कि इसका निर्माण 1801 में विट्ठु और देउबाई पाटिल ने कराया था। प्रत्येक मंगलवार को इस मंदिर में दर्शकों की अच्छी ख़ासी भीड़ होती है। इस दिन सिद्धि विनायक के दर्शन करने के लिए लोग 4 से 5 घंटे तक लाइन में लगे रहते हैं। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद की चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक इस मंदिर में एक विशेष समारोह का आयोजन किया जाता है। भगवान गणेश का हिन्दू धर्म में एक विशेष स्थान है। कोई भी नया कार्य बिना भगवान गणेश की पूजा बिना शुरू नहीं किया जाता है। यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का कार्य करना चाहे वह छोटा हो या बड़ा भगवान गणेश की पूजा किए बिना शुरू नहीं करता है। किसी भी नए कार्य से पूर्व लोग भगवान गणेश की पूजा करते ही हैं ताकि उस कार्य में कोई विघ्न न आए। सिद्धि विनायक मंदिर की देख-रेख में प्रति वर्ष लगभग 46 करोड़ तक की धन राशि खर्च होती है। इस मंदिर तक पहुँचने के लिए इस मंदिर तक एक गली जाती है जिसे फूल गली के नाम से जाना जाता है। इस फूल गली में पूजन सामाग्री वाली दुकानें मौजूद हैं। इन दुकानों में मंदिर में चढ़ाने वाली सामाग्री जैसे तुलसी माला, नारियल, मिठाई आदि मिलती हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार भगवान गणेश की इस असीम अनुकंपा वाले मंदिर के दर्शन अवश्य करना चाहिए। इस मंदिर में जो सूकून प्राप्त होता है वह दुनिया के किसी कोने में नहीं हो सकता है।