नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने दिया आदेश, नोएडा एयरपोर्ट के रनवे ट्रायल पर लगी रोक

Fri 15-Nov-2024,12:56 PM IST +05:30
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने दिया आदेश, नोएडा एयरपोर्ट के रनवे ट्रायल पर लगी रोक Noida International Airport
  • लैंडिंग शुरू होने के बाद हर दिन रनवे की रिपोर्ट तैयार होगी, जिसे नागरिक उड्डयन विभाग को भेजा जाएगा।

  • एयरपोर्ट के 3950 मीटर लंबे पर इंडिगो, अकासा एयर और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के विमान उतरेंगे और उड़ान भरेंगे।

Uttar Pradesh / Noida :

ग्रेटर नोएडा के जेवर में निर्माणाधीन एयरपोर्ट पर अब विमान की लैंडिंग की टेस्टिंग 30 नवंबर से होगी। पहले यह आज से होनी थी। डीजीसीए से अभी टेस्टिंग की अनुमति नहीं मिली है। डीजीसीए ने यमुना इंटरनैशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (यापल) को कहा है कि अभी लैंडिंग की जरूरत नहीं है, अब सीधे 30 नवंबर को लैंडिंग कराई जाए। बता दें कि 30 नवंबर से पूरे क्रू मेंबर्स के साथ एयरपोर्ट का ट्रायल फुल मोड में किया जाना है। इससे पहले 15 नवंबर से विमानों की लैंडिंग की टेस्टिंग शुरू होने की सूचना थी। इसमें हर दिन तीन विमानों की लैंडिंग कराई जानी थी। लैंडिंग शुरू होने के बाद हर दिन रनवे की रिपोर्ट तैयार होगी, जिसे नागरिक उड्डयन विभाग को भेजा जाएगा।

नायल के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में एयरपोर्ट का 1334 हेक्टेयर में विकास हुआ है। फिलहाल एक 3900 मीटर लंबा रनवे, एक टर्मिनल बिल्डिंग व एटीसी टावर को तैयार किया जा रहा है। रनवे व एटीसी का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि टर्मिनल बिल्डिंग में फिनिशिंग का कार्य चल रहा है, जिसे 95 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है। साथ ही एयरपोर्ट पर कैट एक और कैट तीन उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं। इस मामले में नायल के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है, 15 नवंबर से विमानों की लैडिंग की टेस्टिंग शुरू होने की तैयारी थी। अब डीजीसीए ने 30 नवंबर से ही लैंडिंग कराने के लिए कहा है। इसके चलते शुक्रवार से विमानों की लैंडिंग की टेस्टिंग नहीं की जाएगी। इसके अलावा बाकी तैयारियां फुल स्पीड में जारी रहेंगी।

एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को स्थापित भी किया जा चुका है, जिसकी एयरक्राफ्ट बीच किंग एयर 360 ईआर के जरिए 10 से 14 अक्टूबर तक जांच की गई थी। जांच में रडार व नेविगेशन ठीक से काम करते पाए गए थे। किसी भी विमान के उड़ान व लैंडिंग में आईएलएस एक आवश्यक सुरक्षा प्रणाली होती है, जो पायलटों को कोहरे, बारिश या अन्य प्रतिकूल मौसम स्थितियों के कारण दृश्यता काफी कम होने पर भी सुरक्षित रूप से उतरने में सक्षम बनाती है।