एनएचएआई ने टोल, ऑपरेट, ट्रांसफर (टीओटी) बंडल 16 को 6,661 करोड़ रुपये में आवंटित किया
टीओटी ने सड़क नेटवर्क मूल्य को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वित्त वर्ष 24 में 100 प्रतिशत सफलता के साथ टीओटी बंडल 16 से 6,661 करोड़ रुपये जुटाए: श्री संतोष कुमार यादव, अध्यक्ष,एनएचएआई।
तेलंगाना राज्य में एनएच-44 के हैदराबाद-नागपुर गलियारे पर 251 किलोमीटर लंबे खंड के लिए प्रदान किया गया है।
दिल्ली/ एनएचएआई ने टोल, ऑपरेट और ट्रांसफर (टीओटी) बंडल 16 को 6,661 करोड़ रुपये में आवंटित किया है। तेलंगाना राज्य में एनएच-44 के हैदराबाद-नागपुर गलियारे पर 251 किलोमीटर लंबे खंड हेतु टीओटी बंडल-16 के लिए वित्तीय बोलियां 18 सितंबर 2024 को खोली गईं और इसे 6,661 करोड़ रुपये में मेसर्स हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट को प्रदान किया गया है।
टीओटी बंडल की रियायत अवधि 20 वर्षों के लिए है, जिसमें रियायत प्राप्तकर्ता को खंड का रखरखाव और संचालन करना होगा। इसके बदले में, रियायत प्राप्तकर्ता एनएच शुल्क नियमों के तहत निर्धारित शुल्क दरों के अनुसार खंड के लिए उपयोगकर्ता शुल्क वसूलेगा और उसे अपने पास रखेगा।
राजमार्ग क्षेत्र में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए टीओटी मॉडल विकसित किया गया है। एनएचएआई ने समय-समय पर टोल ऑपरेट ट्रांसफर के आधार पर विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों पर टोलिंग, संचालन और रखरखाव के लिए ठेके दिए हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में, एनएचएआई ने उस वित्त वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये के मुद्रीकरण लक्ष्य के मुकाबले 15,968 करोड़ रुपये के चार टीओटी बंडल प्रदान किए।
टीओटी बंडल-16 के सफल आवंटन के बारे में टिप्पणी करते हुए एनएचएआई के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव ने कहा, “टीओटी सड़क नेटवर्क के मूल्य को बढ़ाने में सहायक रहा है और इसने देश में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के विकास में बहुत योगदान दिया है। मुझे खुशी है कि हमने टीओटी बंडल 16 से 6,661 करोड़ रुपये जुटाए हैं। वित्त वर्ष 24 में टीओटी मोड की सफलता दर 100 प्रतिशत रही और हमें बोलीदाताओं से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। भारत सरकार राष्ट्रीय मुद्रीकरण लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में बेहद सहायक रही है, और हम इस विजन को साकार करने की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना के अनुरूप, एनएचएआई का कुल परिसंपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है, जिसमें टीओटी के माध्यम से 48,995 करोड़ रुपये, इनविट के माध्यम से 25,900 करोड़ रुपये और प्रतिभूतिकरण के माध्यम से 42,000 करोड़ रुपये शामिल हैं।