BHU: एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय, जानिए आखिर क्यों?
इसने स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत में शिक्षा के सबसे बड़े केन्द्र के रूप में विकसित हुआ।
इसमें 6 उन्नत केंद्र अध्ययन, विशेष सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत 10 विभाग और बड़ी संख्या में विशिष्ट अनुसंधान केन्द्र हैं।
वाराणसी/बीएचयू (BHU) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में स्थित है। यह भारतीय संस्कृति, धर्मशास्त्र, कला, विज्ञान, साहित्य, विज्ञान और व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान करता है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय 1916 में पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित किया गया था। यह एक प्रमुख सार्वजनिक विश्वविद्यालय है और अपनी उच्च शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को समृद्ध और समाग्र विकास का मार्ग प्रदान करता है। विश्वविद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और पेशेवर पाठ्यक्रम प्रदान किए जाते हैं।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को उच्च शैक्षिक मानकों, गरिमा और संस्कृति के साथ अपनी छात्रों के लिए एक पर्यावरण प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही, यह विश्वविद्यालय सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक उत्थान को बढ़ाने में भी सक्रिय भूमिका निभाता है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित एक सार्वजनिक केंद्र विश्वविद्यालय है। बनारस का दूसरा नाम काशी है इसलिए कुछ लोग इसे काशी हिंदू विश्वविद्यालय और सेंट्रल हिंदू कॉलेज के नाम से भी जानते हैं। यहां प्रतिवर्ष 30,000 से अधिक छात्र पढ़ने आते हैं जिसमें भारत ही नहीं अपितु पूरे एशिया के छात्र सम्मिलित होते हैं। इसलिए यह पूरे एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बीएचयू ने 2019 के क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में 801-1000 रैंक हासिल की थी। भारत में NIRF(राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क) ने वर्ष 2019 में बीएचयू को तीसरे स्थान और ओवर ऑल श्रेणी में 9वां स्थान दिया था। राष्ट्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते यह स्नातक(UG) स्नातकोत्तर(PG) और डॉक्टरेट स्तर पर कई विषयों में पाठ्यक्रम प्रदान करता है।