कौन थे श्रद्धेय दत्ताजी डिडोळकर ?
दत्ताजी डिडोळकर वर्ष 1947 से 48 तक मद्रास प्रांत के कालीकट में जिला प्रचारक का कार्य किए। आपने ने ही वर्ष 1949 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना की ।
दत्ताजी डिडोळकर के अथक प्रयास से वर्ष 1962 में कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद शीला स्मारक निर्माण आरंभ हुआ। तथा 02 सितंबर, 1970 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. वी वी गिरि द्वारा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री करूणानिधि की अध्यक्षता में उद्घाटन किया गया।
नागपुर/दत्ताजी डिडोळकर का जन्म 7 अगस्त, 1923 को बुलढाणा के मलकापुर में गंगूबाई के घर हुआ था। इनका पूरा नाम दत्तात्रेय देवीदास डिडोलकर है। तीन भाइयों एवं एक बहन में सबसे छोटे थे। इनके दादा एवं पिता नागपुर के एक कपास कंपनी में काम करते थे जिसके कारण इनके दोनो बड़े भाई संघ के संपर्क में आए। दत्तात्रेय बचपन से कुशग्र बुद्धि के थे। इन्होंने हाई स्कूल से लेकर बी.एस.सी ऑनर्स की शिक्षा नागपुर से पूरा किए। अपनी शिक्षा के दौरान ही वे संघ के संपर्क आए। वर्ष 1940 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक के संस्थापक डॉ. केशव राव बलीराम हेडगेवार का निधन हो गया। वर्ष 1947 में एम.एस.सी. की शिक्षा पूरी करने के तुरंत प्रचारक के रूप में काम शुरू किए।
दत्ताजी डिडोळकर वर्ष 1947 से 48 तक मद्रास प्रांत के कालीकट में जिला प्रचारक का कार्य किए। आपने ने ही वर्ष 1949 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना की । वर्ष 1948 से 64 तक मद्रास प्रांत प्रचारक के रूप में कार्य किए। वर्ष 1962 में कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद शीला स्मारक निर्माण आरंभ हुआ। तथा 02 सितंबर, 1970 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. वी वी गिरि द्वारा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री करूणानिधि की अध्यक्षता में उद्घाटन किया गया। वर्ष 1965 में नागपुर के जयंत ट्यूटोरियल कॉलेज की शुरूआत। वर्ष 1967 से 68 तक अंतरराज्य छात्र जीवन दर्शन SEIL प्रकल्प के ‘माय होम इंडिया’ उपक्रम के प्रमुख रहे।
वर्ष 1974 में छत्रपति शिवाजी महाराज त्रिशत सांवत्सरीक समारोह समिति के सचिव रहे। वर्ष 1975 से 77 तक भारत में घोषित आपातकाल और संघबंदी के दौरान मिसा के अंतर्गत बंदिवास। 1984 में विदर्भ के सभी जिलों के षष्ट्याब्दीपूर्ती सम्मान समारोह। वर्ष 1988 में संघ संस्थापक डॉ. केशव बळीराम हेडगेवार जन्मशती समारोह समिति के राष्ट्रीय सहसचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के पश्चिमांचल संघटनमंत्री के रूप में कार्य किए। 14 अक्टूबर, 1990 को नागपुर स्थित निवासस्थान पर इनका देहावसान हो गया।