Air India एयर इंडिया क्या है ?
एयर इंडिया की स्थापना 15 अक्टूबर 1932 को हुई थी।
एयर इंडिया भारत की ध्वज वाहक विमान सेवा है। जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में हैं।
नई दिल्ली/उड़ान भरने की चाहत तो हर किसी में होती है। मुझे ऐसा लगता है कि आकाश की सैर करने में आपकी भी बड़ी दिलचस्पी होगी। इसलिए आज हम बात करेंगे आकाश की यात्रा कराने वाली एयर इंडिया कंपनी की। एयर इंडिया भारत की ध्वज वाहक विमान सेवा है। जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में हैं। यह टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कम्पनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है।
एयर इंडिया भारत की राष्ट्रीय हवाई यात्रा कंपनी थी और जिसका स्वामित्व भारत सरकार के पास था। एयर इंडिया की स्थापना 15 अक्टूबर 1932 को हुई थी और उस वक्त यह "टाटा एरियल सर्विस" (Tata Aerial Service) के नाम से जानी जाती थी। टाटा एरियल सर्विस 1930 तक वायुयानों के लिए टाटा द्वारा संचालित होती थी। तथा विभाजन के बाद यह एक सरकारी कंपनी बन गई। 1946 में भारत सरकार ने टाटा द्वारा संचालित "टाटा एरियल सर्विस" को जेआरडी टाटा से खरीद लिया और इसे "एयर इंडिया" के नाम से जाना जाने लगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम था जो भारत सरकार ने अपने हवाई यात्रा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उठाया।
एयर इंडिया ने अपने संचालन के दौरान विभिन्न स्तरों पर अपनी उपस्थिति बनाई। यह भारतीय हवाई यात्रा कंपनियों में महातपूर्ण रही है जो अंतरराष्ट्रीय माध्यमों पर अपनी सेवाएं प्रदान करती है। भारत के यात्रा और पर्यटन उद्योग के विकास में एयर इंडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एयर इंडिया अपनी सेवाएं देश के अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा मंचों पर भी प्रदान करती है। एयर इंडिया ने विश्व में विमान और संबंधित सेवाएं प्रदान करने के लिए एक व्यापक नेटवर्क बनाया है।
एयर इंडिया ने अपने सेवा में सुधार करते हुए यात्राओं के लिए नए और आधुनिक विमान जोड़े हैं। एयर इंडिया भारत से अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए भी एक प्रमुख साधन है और अपने ग्राहकों को उच्च-गुणवत्ता वाली सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। एयर इंडिया का इतिहास उच्च-मार्गीय यात्रा, तकनीकी उन्नति और व्यापक व्यापारिक नेटवर्क के माध्यम से भारत के हवाई यात्रा सेक्टर में एक महत्वपूर्ण स्थान दर्ज करता है।
एयर इंडिया के इतिहास में 2022 का समय काफी महत्वपूर्ण रहा जब लंबे समय से घाटे में चल रही एयर इंडिया को सरकार बेचना चाह रही थी परंतु कोई भी खरीदने को तैयार नहीं था। लंबे समय के विचारविमर्श के बाद टाटा समूह ने अपनी पुरानी कंपनी को वापस लेने का फैसला कर लिया। जनवरी 2022 में करीब सात दशक बाद टाटा ने अपनी उस कंपनी को पुन: सरकार से वापस खरीद लिया जिसे सरकार ने 1946 में जेआरडी टाटा से खरीदा था।