ट्रूडो ने स्वीकार कनाडा में खालिस्तानी समर्थक मौजूद, आधा सच कबूलने का वीडियो हुआ वायरल
ट्रूडो ने कहा, 'कनाडा में खालिस्तान के कई समर्थक हैं, लेकिन वे समूचे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
पिछले महीने दोनों के बीच संबंध बहुत तनावपूर्ण हो गए, जब ट्रूडो सरकार ने कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा को हिंसा के मामले में 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' बताया।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की मौजूदगी की बात स्वीकार की, हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि ये तत्व पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते। यह बयान ओटावा में पिछले सप्ताह दिवाली समारोह के दौरान दिया गया, जिसमें ट्रूडो ने कनाडा के बहु-सांस्कृतिक समाज में धार्मिक स्वतंत्रता की अहमियत पर जोर दिया और कहा कि हिंसा किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ट्रूडो का यह बयान भारत-कनाडा के तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में आया है। इससे पहले, सितंबर 2024 में, उन्होंने खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संभावित भूमिका का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने नकारते हुए "असत्य" और "बिना आधार के" करार दिया। इसके बाद दोनों देशों ने कई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और दोनों के बीच राजनयिक तनाव बढ़ता गया।
हाल ही में, ब्राम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा की गई हिंसा ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। ट्रूडो और विपक्षी नेताओं ने इस हिंसा की निंदा की और धार्मिक स्थलों पर हमलों को अस्वीकार्य बताया। कनाडा के भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और कनाडा सरकार पर आरोप लगाया कि वह खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रही है।
इस घटनाक्रम से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है और भारत ने कनाडा से मांग की है कि वह भारतीय समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।