भारत की राजधानी दिल्ली का इतिहास
यहाँ इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थित है। दिल्ली मेट्रो रेल नेटवर्क देश का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है।
दिल्ली भारत का प्रमुख आर्थिक केंद्र है। यह विभिन्न उद्योगों, व्यापार और सेवा क्षेत्रों का केंद्र है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, भारत की राजधानी और एक केंद्र शासित प्रदेश है। दिल्ली, भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। यह हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों से घिरा हुआ है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियाँ और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह नगर बसा हुआ है। यह ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है। दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के रूप में जाना जाता है और यह भारत सरकार की तीन शाखाओं - कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका का मुख्यालय है।
भारत की राजधानी दिल्ली का इतिहास और संस्कृति बहुत समृद्ध और विविधतापूर्ण रहा है। यहाँ अनेक साम्राज्यों ने अपनी छाप छोड़ी है, जिसमें महाभारत काल का इंद्रप्रस्थ, दिल्ली सल्तनत, मुगल साम्राज्य और ब्रिटिश राज शामिल हैं।
दिल्ली भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। दिल्ली के आस पास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इसके प्रमाण मिलते हैं। दिल्ली का इतिहास महाभारत काल तक जाता है, जब इसे इंद्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था। इसे पांडवों द्वारा बसाया गया था।
मध्यकाल में 8वीं से 12वीं शताब्दी के दौरान, दिल्ली पर तोमर और चौहान राजपूतों का शासन था। 12वीं शताब्दी में पृथ्वीराज चौहान का शासन प्रमुख था। 12वीं शताब्दी के अंत में मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराया और कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की। इसके बाद खिलजी, तुगलक, सैय्यद और लोदी वंशों का शासन रहा।
मुगल काल यानि 16वीं शताब्दी में बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल साम्राज्य की नींव रखी। मुगल काल के दौरान दिल्ली ने अपनी सांस्कृतिक और वास्तुकला में अद्वितीय उन्नति देखी। शाहजहाँ ने दिल्ली को नई चमक दी और इसे शाहजहानाबाद नाम दिया, जहाँ लाल किला और जामा मस्जिद जैसी भव्य इमारतें बनवाई गईं।
इसके बाद ब्रिटिश काल यानि 1857 के विद्रोह के बाद, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया और इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। 1911 में, ब्रिटिश सरकार ने कोलकाता से दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया और नई दिल्ली का निर्माण किया।
1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, दिल्ली भारत की राजधानी बनी और यहां कई महत्वपूर्ण सरकारी भवनों का निर्माण हुआ।
लगभग 1,484 वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली, जनसंख्या के आधार पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। दिल्ली की संस्कृति विविधता में एकता की मिसाल है। यहाँ विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों का संगम देखने को मिलता है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि धर्म के लोग यहाँ निवास करते हैं और यहाँ प्रमुखतः हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, उर्दू भाषाएं बोली जाती है। यहाँ के प्रमुख त्योहार दिवाली, होली, ईद, गुरुपर्व, क्रिसमस आदि है। दिल्ली अपने स्ट्रीट फूड और मुगलई व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। चांदनी चौक का परांठे वाली गली, करीम का कबाब और छोले भटूरे यहाँ के कुछ प्रसिद्ध व्यंजन हैं। दिल्ली भारत का प्रमुख आर्थिक केंद्र है। यह विभिन्न उद्योगों, व्यापार और सेवा क्षेत्रों का केंद्र है। सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, बैंकिंग, मीडिया, पर्यटन और निर्माण यहाँ के मुख्य उददयोग है।
इसके साथ ही दिल्ली में कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान हैं जो उच्च शिक्षा के लिए प्रसिद्ध हैं। जैसे- दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय। तकनीकी संस्थानों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT), दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय (DTU), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) दिल्ली में स्थित है।
दिल्ली का परिवहन नेटवर्क व्यापक और विकसित है। यहाँ इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थित है। दिल्ली मेट्रो रेल नेटवर्क देश का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है। दिल्ली में परिवहन निगम (DTC) और अन्य निजी बस सेवाएं चलती है। दिल्ली के चार प्रमुख रेलवे स्टेशन - नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन और आनंद विहार है।
दिल्ली में घूमने के प्रमुख स्थल:
ऐतिहासिक स्थल
1. लाल किला: यह किला मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा बनवाया गया है जो लाल बलुआ पत्थर से बना है।
2. कुतुब मीनार: यह विश्व धरोहर स्थल भारत में सबसे ऊंची मीनार है जोकुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा बनवाई गई थी।
3. हुमायूँ का मकबरा: यह मकबरा मुगल वास्तुकला का शानदार उदाहरण है।इस स्थान को हुमायूँ की पत्नी हाजी बेगम ने बनवाया था। यह मकबरा लाल पत्थर व संगमरमर के संगम से बना है। यहाँ हुमायूँ के साथ ही साथ मुगलों के कुछ खास सदस्यों की समाधि बनाई गई है।
4. इंडिया गेट: यह प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों की स्मृति में बना एक विशाल युद्ध स्मारक है।
5. जामा मस्जिद: पुरानी दिल्ली में स्थित यह भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। ईद पर यहाँ लोगों की भीड़ उमड़ती है।
आधुनिक स्थल
1. लोटस टेम्पल: यह कमल के आकार में बना बहाई उपासना स्थल है जहां आपको एकदम शांत माहौल मिलेगा। यहाँ आपको किसी भगवान की मूर्ति नहीं मिलेगी क्योंकि माना जाता है कि उपासना के लिए किसी भगवान की मूर्ति की जरूरत नहीं होती।
2. अक्षरधाम मंदिर: यह भव्य हिन्दू मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला और शोभा के लिए प्रसिद्ध है। विश्व के सबसे बड़े हिन्दू मंदिरों में शामिल इस स्वामीनारायण मंदिर के अंदर घुसते ही आप इसके कोने कोने की तारीफ करते नहीं थकेंगे।
3. राष्ट्रपति भवन: राजपथ के विपरीत दिशा में स्थित यह भारतीय राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास स्थान है। 2 लाख वर्ग फुट के क्षेत्र में चार मंजिलों और 340 कमरों के साथ बनी यह भवन दिल्ली में रात में देखने लायक जगहों में से एक है।
4. राजघाट: यह महात्मा गांधी की समाधि है। इसका निर्माण 1948 में हुआ था। यह एक मंच है जो महात्मा गांधी के हत्या के ठीक एक दिन बाद 31 जनवरी 1948 को किए गए उनके अंतिम संस्कार के स्थान को चिन्हित करता है।
बाजार और शॉपिंग स्थल
1. चांदनी चौक: यह दिल्ली का प्रमुख बाजार है जहाँ विभिन्न प्रकार के सामान मिलते हैं।
2. कनॉट प्लेस: यह दिल्ली का प्रमुख व्यावसायिक केंद्र और शॉपिंग स्थल है।
3. दिल्ली हाट: यह एक पारंपरिक शिल्प बाजार है जहाँ विभिन्न राज्यों के हस्तशिल्प और खाद्य पदार्थ मिलते हैं।
इसके अलावा सरोजिनी नगर, लाजपत नगर, दक्षिण दिल्ली आदि दिल्ली के अन्य बाजार हैं।
प्राकृतिक स्थल
1. लोधी गार्डन: यह सुंदर उद्यान मुगल और ब्रिटिश काल के मकबरों और स्मारकों के साथ है।
2. नेहरू पार्क: यह हरे-भरे बागान और खुले स्थान के लिए प्रसिद्ध है।
यह शहर हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है जो यहाँ की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आधुनिक धरोहरों का आनंद लेते हैं।
दिल्ली की यात्रा एक अद्वितीय अनुभव है जहाँ आप इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता का संगम देख सकते हैं। यहाँ का हर कोना कुछ नया और अनोखा प्रस्तुत करता है।