दर्दनाक घटनाओं और नरसंहार का गवाह रहा है अमृतसर

Tue 05-Nov-2024,06:33 PM IST +05:30
दर्दनाक घटनाओं और नरसंहार का गवाह रहा है अमृतसर Amritsar
  • अमृतसर का इतिहास बहुत समृद्ध और गौरवमयी है। यह इसकी धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक धरोहर को समेटे हुए है। 

  • इस शहर का विकास और इसकी समृद्धि गुरु अर्जुन देव जी के समय में और भी बढ़ी, जब उन्होंने गुरुग्रंथ साहिब का सम्पादन किया, जो मानव जाति को सबसे बड़ी देन है।

Punjab / Amritsar :

अमृतसर, जिसे "अमृत का सरोवर" भी कहा जाता है, भारत के पंजाब राज्य का एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक शहर है। यह शहर सिख धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक, स्वर्ण मंदिर (हरमंदिर साहिब) स्थित है। अमृतसर, पंजाब में लुधियाना के बाद दूसरा सबसे बड़ा नगर है। यहाँ सबसे बड़ा गुरुद्वारा स्वर्ण मंदिर स्थित है जिसे अमृतसर का हृदय माना जाता है। प्राचीन समय में स्वर्ण मंदिर, गुरु रामदास का डेरा हुआ करता था। अमृतसर की स्थापना 1577 में चौथे सिख गुरु, गुरु राम दास जी द्वारा की गई थी। यह स्थान तब 'रामदासपुर' के नाम से जाना जाता था। गुरु राम दास जी ने एक पवित्र तालाब का निर्माण कराया जिसे 'अमृत सरोवर' कहा गया। इसी तालाब के नाम पर इस शहर का नाम 'अमृतसर' पड़ा। इस शहर का नाम 'अमृत का सरोवर' रखा गया, जिसका अर्थ है "अमृत का सरोवर" या "अमृत का तालाब"। इस शहर का विकास और इसकी समृद्धि गुरु अर्जुन देव जी के समय में और भी बढ़ी, जब उन्होंने गुरुग्रंथ साहिब का सम्पादन किया, जो मानव जाति को सबसे बड़ी देन है।

अमृतसर का इतिहास बहुत समृद्ध और गौरवमयी है। यह इसकी धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक धरोहर को समेटे हुए है। अमृतसर अनेक लड़ाइयों और दर्दनाक घटनाओं का गवाह रहा है। जालियाँवाला बाग में ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा दर्दनाक नरसंहार हुआ था। भारत पाकिस्तान बंटवारे के समय भी अमृतसर में हत्याकांड हुआ। इतना ही नहीं अफ़गान और मुगल शासकों ने भी अमृतसर पर कई बार आक्रमण किया। इन सभी घटनाओं ने अमृतसर को तबाह कर डाला, परंतु यहाँ रहने वाले सिक्खों ने अपने मजबूत इरादे और दृढ़ संकल्प के साथ विद्रोह किया और अमृतसर को एक बार फिर से बसाया।

आज का अमृतसर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र है, जो अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। अमृतसर की संस्कृति सिख धर्म और पंजाबी परंपराओं से भरपूर है। यहाँ के लोग बहुत ही गर्मजोशी और मेहमाननवाजी के लिए जाने जाते हैं। पंजाबी संगीत, भांगड़ा और गिद्दा यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं। स्वर्ण मंदिर में हर दिन लाखों लोगों के लिए मुफ्त भोजन (लंगर) की व्यवस्था की जाती है, जो कि सिख धर्म की सेवा और समानता की परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अमृतसर में वसंत और बैसाखी जैसे त्योहार बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं। बैसाखी, सिख नववर्ष और फसल कटाई का त्योहार है, जो हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। खान-पान की बात करें तो अमृतसर का खाना बहुत ही मशहूर है। यहाँ का 'अमृतसरी कुल्चा', 'लस्सी', 'सरसों का साग और मक्के की रोटी', 'छोले-भटूरे' और 'फिश टिक्का' बेहद लोकप्रिय हैं। अमृतसर पंजाब का एक प्रमुख शैक्षिक केंद्र भी है। यहाँ पर कई विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्कूल हैं जो उच्च शिक्षा प्रदान करते हैं। इसके अलावा यह शहर व्यापार और उद्योग के लिए भी जाना जाता है, विशेषकर कपड़ा उद्योग और हस्तशिल्प के लिए। यहाँ का स्वर्ण मंदिर, जलियांवाला बाग और वाघा बॉर्डर प्रमुख आकर्षण स्थल हैं।

 

अमृतसर की ऐतिहासिक घटनाएँ:

  • जलियांवाला बाग हत्याकांड:13 अप्रैल 1919 को जनरल डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना ने यहाँ पर निहत्थे भारतीयों पर गोलीबारी की, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई।
  • ऑपरेशन ब्लू स्टार: जून 1984 में भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर परिसर में छिपे आतंकवादियों को निकालने के लिए यह ऑपरेशन चलाया। इस घटना के बाद पंजाब में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।

 

अमृतसर में क्या-क्या घूमें:

अमृतसर एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर है, जहां घूमने के लिए कई महत्वपूर्ण स्थान हैं। जैसे-

  1. स्वर्ण मंदिर (हरमंदिर साहिब): यह सिख धर्म का सबसे पवित्र मंदिर है। मंदिर का सुनहरा गुंबद और पवित्र अमृत सरोवर इसे खास बनाते हैं। अमृतसर का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र स्थलस्वर्ण मंदिर और सरोवर को,दस सिख गुरुओं में से चौथे गुरु रामदास साहिब जी द्वारा 15 वीं सदी में निर्मित किया गया। यह गुरुद्वारा एक सरोवर के बीच में बना हुआ है। भारत के सिख साम्राज्य (1799-1849) के संस्थापक, महाराज रणजीत सिंह ने गुरुद्वारे का ऊपरी फ्लोर 750 किलो शुद्ध सोने से मढ़वाया था, जो गुरुद्वारे को और भी खास बनाता है। यहाँ पर हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। यहाँ पर हर दिन हजारों लोगों को लंगर (मुफ्त भोजन) दिया जाता है।
  2. जलियांवाला बाग: यह स्थान 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड का साक्षी है, जहां ब्रिटिश सेना ने निहत्थे भारतीयों पर गोलीबारी की थी। इस घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नया मोड़ दिया। यहां एक स्मारक और संग्रहालय भी है जो इस घटना की याद दिलाता है।
  3. वाघा बॉर्डर: अमृतसर से लगभग 28 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थान भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा पर स्थित है, जहां रोजाना शाम को 'बॉर्डर रिट्रीट' समारोह होता है। यह समारोह बहुत ही आकर्षक होता है और दोनों देशों के सैनिकों द्वारा किया जाता है।
  4. दुर्गियाना मंदिर: यह एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इसका वास्तुकला स्वर्ण मंदिर से मिलता-जुलता है और यह भी एक पवित्र तालाब के बीच स्थित है।
  5. महाराजा रंजीत सिंह संग्रहालय: यह संग्रहालय महाराजा रंजीत सिंह के जीवन और उनकी वीरता को दर्शाता है। यहाँ पर उनके हथियार, पेंटिंग्स और अन्य ऐतिहासिक वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं।
  6. Partition Museum (विभाजन संग्रहालय): यह संग्रहालय 1947 के भारत विभाजन के समय की कहानियों, वस्तुओं और तस्वीरों को संग्रहित करता है। यह संग्रहालय विभाजन की त्रासदी और उससे प्रभावित लोगों की यादें जीवित रखता है।
  7. रामबाग गार्डन: यह एक सुंदर बाग है जो महाराजा रंजीत सिंह द्वारा बनवाया गया था। यहाँ एक संग्रहालय भी है जिसमें महाराजा रंजीत सिंह के समय की वस्तुएं रखी गई हैं।
  8. गोविंदगढ़ किला: यह किला महाराजा रंजीत सिंह द्वारा 18वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यह किला अब एक संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया गया है।
  9. खैरुद्दीन मस्जिद: यह एक ऐतिहासिक मस्जिद है जो अमृतसर में स्थित है। यहाँ पर मुहर्रम और ईद जैसे त्योहार बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।
  10. बाजार: किंजरी बाजार और हॉल बाजार से आप पारंपरिक पंजाबी वस्त्र, जूतियाँ और अन्य हस्तशिल्प खरीद सकते हैं।

ये सभी स्थल अमृतसर की समृद्ध सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर को दर्शाते हैं और यहाँ आकर आप इस शहर की विशेषताओं का आनंद ले सकते हैं।

 

अमृतसर कैसे पहुंचे:

  • हवाई मार्ग: श्री गुरु राम दास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अमृतसर शहर से लगभग 11 किमी दूर स्थित है और भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां से टैक्सी या ऑटो रिक्शा द्वारा आसानी से शहर पहुंचा जा सकता है।
  • रेल मार्ग: अमृतसर जंक्शन रेलवे स्टेशन भारत के विभिन्न प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, और चंडीगढ़ जैसे शहरों से नियमित ट्रेनें उपलब्ध हैं।
  • सड़क मार्ग: अमृतसर विभिन्न शहरों से बस द्वारा भी जुड़ा हुआ है। पंजाब राज्य परिवहन और अन्य निजी बस सेवाएं यहां के लिए नियमित अंतराल पर बसें चलाती हैं। अमृतसर अच्छे राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ा हुआ है, जिससे आप कार द्वारा भी यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं। दिल्ली से अमृतसर की दूरी लगभग 450 किमी है, जिसे आप लगभग 8-9 घंटे में तय कर सकते हैं।

 

किस मौसम में अमृतसर जाना अच्छा रहेगा:

अमृतसर यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। इस दौरान मौसम सुखद और ठंडा रहता है, जो दर्शनीय स्थलों की यात्रा और बाहरी गतिविधियों के लिए अनुकूल होता है। हालांकि अलग-अलग मौसम में अमृतसर का नजारा अलग ही होता है जैसे-

अक्टूबर से मार्च: इस समय के दौरान तापमान 5°C से 20°C के बीच रहता है। ठंडे मौसम में सुबह और शाम के समय यहाँ की यात्रा का आनंद उठाया जा सकता है। जनवरी में मनाए जाने वाले लोहड़ी और मकर संक्रांति यहां की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं। फरवरी में बसंत पंचमी का त्योहार भी धूमधाम से मनाया जाता है।

अप्रैल से जून: इस समय तापमान 25°C से 40°C तक पहुँच सकता है, जो काफी गर्म हो सकता है।  इस समय यात्रा करने से बचना चाहिए क्योंकि गर्मी बहुत अधिक होती है, लेकिन अगर आप गर्मी से परेशान नहीं होते तो आप यहाँ आ सकते हैं।

जुलाई से सितंबर: इस दौरान मॉनसून का मौसम होता है, जिसमें तापमान 25°C से 35°C के बीच रहता है। बारिश के दौरान शहर हरा-भरा और ताजगी से भरा रहता है। हालांकिभारी बारिश यात्रा की योजना को बाधित कर सकती है।

त्योहार और विशेष अवसर पर: नवंबर में मनाया जाने वाला गुरु नानक जयंती, सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी की जयंती है। इस अवसर पर स्वर्ण मंदिर और पूरा शहर रंग-बिरंगे लाइट्स और सजावट से जगमगा उठता है।

अमृतसर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। इस समय का मौसम न सिर्फ आरामदायक होता है, बल्कि त्योहारों और उत्सवों के कारण शहर की जीवंतता भी अपने चरम पर होती है।

इस प्रकार अमृतसर एक ऐसा शहर है जो इतिहास, संस्कृति और धार्मिक महत्व का समृद्ध संगम है। यहाँ की सजीवता और जीवंतता इसे एक अनोखा और अद्वितीय स्थान बनाती है।