नागपुर AIIMS को गुमराह कर रजिस्टार बने सुशील बी पखीड़े
नागपुर/ महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में सहायक कुलसचिव के रूप में कार्यरत सुशील बी पखीड़े की नियुक्ति नागपुर एम्स में प्रतीक्षा सूची के माध्यम से रजिस्टार के पद पर हुई है। जो कि हिंदी विश्वविद्यालय में 2007 से सहायक कुलसचिव के पद पर कार्यरत थे। हिंदी विश्वविद्यालय में अपने पद पर रहते हुए सहायक कुलसचिव सुशील बी पखीड़े द्वारा एक बड़े भ्रष्टाचार करने की बात सामने आ रही अब इसकी सच्चाई क्या है इसका जल्द ही पर्दा फ़ाश होगा।
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में 2007 से सहायक कुलसचिव के पद पर नियमित कार्यरत थे। तो ऐसे में बिना किसी अवकाश के एक सरकारी नौकरी करने वाले कर्मी सुशील बी पखीड़े ने LLM की डिग्री प्राप्त की है। वो भी बिना किसी छुट्टी को लिए हुए इस बात की संभावना जताई जा रही है।
भारत में अभी भी LLM की डिग्री नियमित कोर्स के रूप में पूरा किया जाना संभव है। अगर कोई कर्मी सरकारी नौकरी में रहते हुए किसी भी प्रकार का कोई नियमित कोर्स करता है तो यह नियमानुसार गलत होगा। कोई भी अधिकारी/कर्मी बिना किसी छुट्टी के सरकारी नौकरी में रहते हुए रेगुलर कोर्स कैसे पूरा कर सकता है। यह एक तरह से धोखाधड़ी है, भ्रष्टाचार है। सुशील भी पखीड़े ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नागपुर को इसकी सूचना शायद नहीं दी है, प्रशासन को गुमराह करके गलत जानकारी देकर यह नियुक्ति पाई है इस बात की पूरी संभावना है। अब देखना होगा की नागपुर एम्स प्रशासन क्या कार्यवाही करेगा और क्या निर्णय लेगा। रजिस्टार जैसे महत्वपूर्ण पद पर क्या ऐसे किसी भ्रष्ट व्यक्ति को ज़िम्मेदारी देगा जो सच को छुपाने की बात करता हो या सुशील भी पखीड़े को रजिस्टार के पद पर ज्वाइन करवाएगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ एजीसीएनएन की खोज जारी है सच सामने आएगा।