संविधान दिवस पर हुआ भारतीय संविधान की प्रस्तवना का वाचन
जनपद न्यायाधीश ने संविधान दिवस के अवसर पर लोगों को संविधान के पालन और आम जनता को संवैधानिक नियमों से अवगत कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुसरण कर समाज में मधुर संबंध स्थापित करना न्यायालय के प्रति आस्था को मजबूत करता है।
न्यायालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, पैनल अधिवक्ता, अर्ध-कानूनी स्वयंसेवक (पीएलवीज), और सैकड़ों लोग उपस्थित रहे, जहां संविधान की प्रस्तावना और पंथनिरपेक्षता के महत्व पर विचार साझा किए गए।
कौशाम्बी/जनपद न्यायाधीश ने मंगलवार को समय 11 बजे सविंधान दिवस के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको बखूबी संविधान का पालन करना चाहिए तथा आम लोगो को भी संवैधानिक नियमों से अवगत कराना चाहिए। आम जनमानस के बीच संवैधानिक तथ्यों के तहत मधुर सबंध बनाने की बात भी जनपद न्यायाधीश महोदय ने कही ताकि लोगो में न्यायालय के प्रति आस्था अटूट हो सके।
आज का दिन हम सब के लिए काफी खास है क्योंकि आज ही के दिन हमारे देश ने संविधान को अपनाया था। संविधान दिवस को 2015 से मनाने की घोषणा भारतीय संविधान के 125वें वर्ष के अवसर पर की गई थी, इसके बाद से 26 नवम्बर को संविधान और इसके महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और समारोह आयोजित किए जाते हैं। भारतीय संविधान की प्रस्तवना का एक-एक शब्द सारगर्भित अर्थ लिए हुए है। हम सबको इसका अनुसरण करते हुए पंथनिरपेक्षता को अपने आचरण और कार्य में शामिल करना चाहिए।
इस दौरान न्यायालय परिसर में अपर जिला जज सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पूर्णिमा प्रांजल, न्यायिक अधिकारीगण, कर्मचारीगण, अधिवक्तागण, पैनल अधिवक्तागण व परा विधिक स्वंय सेवक (पीएलवीज)सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
डॉ. नरेन्द्र दिवाकर