भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा 500 छात्रों के लिए इंटर्नशिप की घोषणा
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बीआईएस ने 500 छात्रों के लिए 8 सप्ताह की इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है, जिसमें मानकीकरण, गुणवत्ता नियंत्रण और औद्योगिक दौरे शामिल हैं।
इंटर्नशिप का उद्देश्य छात्रों को विनिर्माण प्रक्रियाओं और उत्पाद गुणवत्ता मूल्यांकन का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), जो देश का राष्ट्रीय मानक निकाय है, ने मानकीकरण के क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने और छात्रों को इस दिशा में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से, अपने साझेदार संस्थानों के 500 छात्रों के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम की घोषणा की है। यह घोषणा हाल ही में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में की गई, जिसमें बीआईएस मानकीकरण अध्यक्षों और एमओयू साझेदार संस्थानों के नोडल संकायों ने भाग लिया।
इंटर्नशिप का उद्देश्य और संरचना
इस इंटर्नशिप का उद्देश्य छात्रों को मानकीकरण की प्रक्रियाओं, गुणवत्ता नियंत्रण, और उद्योगों के साथ तालमेल बैठाने में प्रशिक्षित करना है। यह इंटर्नशिप कार्यक्रम 4 वर्षीय स्नातक, 5 वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम, स्नातकोत्तर डिग्री तथा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में नामांकित छात्रों के लिए खुला है।
इंटर्नशिप की अवधि 8 सप्ताह होगी, जिसमें छात्रों को दो प्रमुख उद्योगों में पूर्व-मानकीकरण कार्य, बीआईएस कार्यालयों के सहयोग से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) अनुपालन सर्वेक्षण करना होगा। इसके अलावा, छात्रों को बड़े पैमाने की इकाइयों, एमएसएमई और प्रयोगशालाओं का दौरा करने का अवसर भी मिलेगा। वे विनिर्माण और परीक्षण प्रक्रियाओं, कच्चे माल के निरीक्षण, इन-प्रोसेस नियंत्रण और उत्पाद की गुणवत्ता से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करेंगे।
बीआईएस-एकेडेमिया इंटरफेस की उपलब्धियाँ
बीआईएस ने शिक्षा जगत के साथ मिलकर कई पहलें की हैं जो इस इंटर्नशिप कार्यक्रम की नींव बनती हैं:
- मानकीकरण मॉड्यूल को अब तक 15 प्रमुख संस्थानों के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
- 130 से अधिक R&D परियोजनाएँ शुरू की गई हैं, जिनका उद्देश्य गुणवत्ता मानकों को और बेहतर बनाना है।
- 50 से अधिक संस्थानों में बीआईएस कॉर्नर और डैशबोर्ड स्थापित किए गए हैं ताकि मानकों से संबंधित जानकारी तक सरल पहुंच बनाई जा सके।
- 52 संस्थानों में 198 मानक क्लब बनाए गए हैं, जिनका उद्देश्य छात्रों को मानकीकरण से जोड़ना है।
- 74 संस्थानों के 3,400 से अधिक छात्रों ने राष्ट्रीय क्विज़ में भाग लिया, जो जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
सम्मेलन और विचार-विमर्श
इस वार्षिक सम्मेलन में शिक्षा, मानकीकरण और उद्योगों के बीच सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों में पाठ्यक्रम एकीकरण, मानक निर्माण, मानक क्लबों के माध्यम से छात्र सहभागिता और अन्य प्रचार गतिविधियों पर विशेष रूप से चर्चा की गई।
सम्मेलन के एक ओपन हाउस सेशन में विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अकादमिक सहयोग से जुड़ी श्रेष्ठ प्रथाओं और अभिनव मॉडलों को साझा किया। इस प्रकार के संवादों से भविष्य में शिक्षा और मानकीकरण के बीच बेहतर समन्वय की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकेंगे।
वक्ताओं के विचार
बीआईएस के महानिदेशक श्री प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि यह साझेदारी शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और मानकीकरण की संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक साझा राष्ट्रीय मिशन है। उप महानिदेशक (मानकीकरण) श्री राजीव शर्मा ने भी संस्थानों को इस पहल में सक्रिय भूमिका निभाने और देश की गुणवत्ता प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए प्रेरित किया।
समापन और सम्मान
सम्मेलन का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि मानकीकरण की संस्कृति को शिक्षा के केंद्र में लाया जाए और छात्रों तथा संकायों को राष्ट्रीय व वैश्विक गुणवत्ता प्रणालियों से सार्थक रूप से जोड़ा जाए।
सम्मेलन में 58 साझेदार संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और पांच संस्थानों — आईआईटी रुड़की, एसएसईसी चेन्नई, एनआईटी जालंधर, एसवीसीई चेन्नई और पीएसएनएसीईटी डिंडीगुल — को बीआईएस से संबंधित गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
यह पहल न केवल छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान देगी बल्कि उन्हें राष्ट्र की गुणवत्ता अवसंरचना का हिस्सा बनने के लिए भी प्रेरित करेगी।