महाकुंभ में आस्था या अनदेखा रहस्य? 60 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान के पीछे छिपी बड़ी कहानी!
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शनिवार को भी महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। रात 12:00 से सुबह 10:00 बजे तक 58,000 गाड़ियां प्रयागराज कुंभ मेला में आईं।
कुंभ मेले को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। उदाहरण के लिए, पाकिस्तान के वीडियो को कुंभ का बताकर फैलाया गया था। ऐसे 36 सोशल मीडिया अकाउंट्स को 24 घंटे के भीतर आइडेंटिफाई कर FIR दर्ज की गई है।
अब महाकुंभ का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण स्नान महाशिवरात्रि (26 फरवरी) को होगा। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस दिन नया रिकॉर्ड बन सकता है और यह महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान पर्व साबित हो सकता है।
प्रयागराज/ प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 60 करोड़ के पार पहुंच गया है। शनिवार को दोपहर 12 बजे तक 71 लाख 18 हजार श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। वहीं, महाकुंभ का आखिरी स्नान महाशिवरात्रि को है, जिसमें 4 दिन बाकी हैं। लेकिन उससे पहले ही स्नान करने वालों का आंकड़ा 60 करोड़ के पार पहुंच गया है।
महाकुंभ में लगातार उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अनुकूल वातावरण का ही परिणाम है कि महाकुंभ 2025 प्रयागराज में अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। यह एक अच्छे वातावरण का नतीजा है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 22 फरवरी तक देश की आधी आबादी पुण्य की डुबकी लगा चुकी है। यह दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है, जहां इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं और स्नान किया है।
शनिवार को भी महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। रात 12:00 से सुबह 10:00 बजे तक 58,000 गाड़ियां प्रयागराज कुंभ मेला में आईं। डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने कहा कि शिवरात्रि के स्नान को लेकर फोर्स का डिप्लॉयमेंट अधिक किया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए और भी कई बदलाव किए जाएंगे। कुछ जगहों पर, जहां पर भीड़ ज्यादा है, वहां अधिक सतर्कता बरती जा रही है।
हमारी टीम लाउड हेलर्स के माध्यम से लगातार अनाउंसमेंट करती रहती है कि किसी तरह के वीडियो न बनाएं, लेकिन कुछ अपराधी किस्म के लोग ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं। इस मामले में हमने FIR दर्ज की है और शीघ्र गिरफ्तारियां होंगी।
कुंभ मेले को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। उदाहरण के लिए, पाकिस्तान के वीडियो को कुंभ का बताकर फैलाया गया था। ऐसे 36 सोशल मीडिया अकाउंट्स को 24 घंटे के भीतर आइडेंटिफाई कर FIR दर्ज की गई है।
महाकुंभ में विभिन्न पवित्र स्नान तिथियों पर करोड़ों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे। इन महत्वपूर्ण स्नान दिनों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती गई।
1. पौष पूर्णिमा (13 जनवरी) – 1 करोड़ 70 लाख श्रद्धालु
पौष पूर्णिमा से ही माघ मेले और कल्पवास की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान का विशेष महत्व होता है। लाखों श्रद्धालु कल्पवास करने के लिए संगम तट पर डेरा डालते हैं और पूरे एक महीने तक संतों एवं साधुओं के प्रवचनों को सुनते हुए साधना करते हैं।
2. मकर संक्रांति (14 जनवरी) – 3 करोड़ 50 लाख श्रद्धालु
मकर संक्रांति का दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का संकेत देता है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान से जीवन के सभी पापों का नाश माना जाता है। महाकुंभ में इस अवसर पर देश-विदेश से आए करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई।
3. मौनी अमावस्या (29 जनवरी) – 7 करोड़ 64 लाख श्रद्धालु
मौनी अमावस्या को महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान पर्व माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह वह दिन होता है जब सबसे अधिक श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचते हैं और गंगा तट पर स्नान एवं दान-पुण्य करते हैं। इस वर्ष भी महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन लगभग 7 करोड़ 64 लाख श्रद्धालु पहुंचे, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या थी।
4. बसंत पंचमी (3 फरवरी) – 2 करोड़ 57 लाख श्रद्धालु
बसंत पंचमी को मां सरस्वती का जन्मदिन माना जाता है, इस दिन विद्या और ज्ञान की देवी की पूजा की जाती है। इसी दिन से वसंत ऋतु का आगमन भी होता है। कुंभ के इस शुभ अवसर पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर मां सरस्वती से बुद्धि और ज्ञान की प्रार्थना की।
5. माघी पूर्णिमा (12 फरवरी) – 2 करोड़ श्रद्धालु
माघी पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं और पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन कल्पवासियों का व्रत समाप्त होता है और वे अपने एक महीने के कठोर तप को पूरा करके अपने घरों को लौटने की तैयारी करते हैं।
आगामी महत्वपूर्ण स्नान:
अब महाकुंभ का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण स्नान महाशिवरात्रि (26 फरवरी) को होगा। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस दिन नया रिकॉर्ड बन सकता है और यह महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान पर्व साबित हो सकता है।