महाकुंभ 2025 का भव्य समापन: एकता का महायज्ञ संपन्न
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

सीएम योगी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने अरैल घाट पर झाड़ू लगाकर गंगा से कचरा निकाला और उसकी पूजा की। इस दौरान उन्होंने गंगा पंडाल में सफाईकर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित भी किया।
महाकुंभ के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एकता का महाकुंभ - युग परिवर्तन की आहट' शीर्षक से एक ब्लॉग लिखा।
उन्होंने इस भव्य आयोजन के सफल संचालन के लिए मां गंगा, यमुना और सरस्वती का आभार व्यक्त किया और प्रार्थना की कि अगर सेवा में कोई कमी रह गई हो, तो वे क्षमा करें।
महाकुंभ के दौरान परिवहन सेवाओं पर असर पड़ने के कारण प्रयागराज के प्रधान डाकघर में 6,000 से अधिक पार्सल जमा हो गए हैं, जिनमें रजिस्ट्री और अन्य डाक सामग्री शामिल है।
महाकुंभ का आधिकारिक समापन हो चुका है, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था के कारण संगम क्षेत्र में अभी भी भीड़ बनी हुई है।
प्रयागराज/ प्रयागराज में 45 दिनों तक चले महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को हो गया, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ अभी भी मेले में बनी हुई है। संगम में स्नान करने के लिए लोग अब भी पहुंच रहे हैं, और मेले में दुकानों की चहल-पहल जारी है। इस भव्य आयोजन के समापन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य, साथ ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव संगम पहुंचे।
गंगा की सफाई और संतों का सम्मान
सीएम योगी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने अरैल घाट पर झाड़ू लगाकर गंगा से कचरा निकाला और उसकी पूजा की। इस दौरान उन्होंने गंगा पंडाल में सफाईकर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित भी किया। महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन के दौरान सफाई और व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा गया, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
पीएम मोदी का विशेष ब्लॉग: 'एकता का महाकुंभ - युग परिवर्तन की आहट'
महाकुंभ के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एकता का महाकुंभ - युग परिवर्तन की आहट' शीर्षक से एक ब्लॉग लिखा। उन्होंने इस आयोजन को एकता और नवजागरण का प्रतीक बताते हुए लिखा कि जब राष्ट्र की चेतना जागृत होती है और लोग गुलामी की मानसिकता से मुक्त होकर आगे बढ़ते हैं, तब ऐसा ही दृश्य उपस्थित होता है, जैसा महाकुंभ में देखने को मिला। उन्होंने इस भव्य आयोजन के सफल संचालन के लिए मां गंगा, यमुना और सरस्वती का आभार व्यक्त किया और प्रार्थना की कि अगर सेवा में कोई कमी रह गई हो, तो वे क्षमा करें।
रेल मंत्री ने बताई महाकुंभ में रेलवे की भूमिका
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 16,000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई गईं, जिससे लगभग 4 से 5 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान और महाकुंभ के दर्शन कर सके। रेलवे के सभी विभागों ने समन्वय बनाकर काम किया, जिससे व्यवस्थाओं में कोई रुकावट नहीं आई। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि श्रद्धालुओं को केवल भीड़ के रूप में नहीं देखा जाए, बल्कि उनकी आस्था का सम्मान किया जाए।
डाक विभाग पर महाकुंभ का प्रभाव
महाकुंभ के दौरान परिवहन सेवाओं पर असर पड़ने के कारण प्रयागराज के प्रधान डाकघर में 6,000 से अधिक पार्सल जमा हो गए हैं, जिनमें रजिस्ट्री और अन्य डाक सामग्री शामिल है। इनमें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कुवैत, ओमान सहित कई देशों से आए पार्सल भी हैं, जिन्हें अब जल्द से जल्द संबंधित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया चल रही है।
सीएम योगी की नेतृत्व क्षमता की सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ब्लॉग में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके कुशल प्रबंधन में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में कोई शासक या प्रशासक नहीं था, बल्कि हर व्यक्ति श्रद्धा भाव से भरा हुआ एक सेवक था।
आने वाले कुंभ आयोजनों के लिए सबक
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि इस महाकुंभ में जो व्यवस्थाएं बनाई गईं, उन्हें ध्यान में रखते हुए रेलवे अपने संचालन मैनुअल में स्थायी सुधार करेगा, ताकि भविष्य के कुंभ आयोजनों में व्यवस्थाएं और बेहतर हो सकें। उन्होंने कहा कि सरकारों और रेलवे के आपसी समन्वय का ही परिणाम है कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिना किसी बड़ी परेशानी के संगम पहुंच सके।
समापन, लेकिन श्रद्धा बनी हुई है
महाकुंभ का आधिकारिक समापन हो चुका है, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था के कारण संगम क्षेत्र में अभी भी भीड़ बनी हुई है। लोग संगम स्नान करने और मेले का आनंद लेने आ रहे हैं। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण रहा, जिसने देश और दुनिया के करोड़ों लोगों को एकता और भक्ति का संदेश दिया।