सिर्फ इमोशन से नहीं होती राज्य के विकास की परिकल्पना - उपराष्ट्रपति

Mon 21-Apr-2025,10:00 PM IST +05:30

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सिर्फ इमोशन से नहीं होती राज्य के विकास की परिकल्पना  - उपराष्ट्रपति सिविल सेवा में भ्रष्टाचार संघीय राजनीति के लिए खतरनाक़ - उपराष्ट्रपति
  • राज्य की प्रगति को नई दिशा देने के लिए विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, खनिज में मूल्य संवर्धन, कपड़ा, हस्तशिल्प, सेवा उद्योग, नवीकरणीय ऊर्जा और सौर ऊर्जा में अकल्पनीय संभावनाओं का उल्लेख किया। 

  • श्री धनखड़ ने FORTI जैसे संगठनों से कई थिंक टैंक स्थापित करने का आह्वान किया, जो राजस्थान के उत्पादों में मूल्य संवर्धन पर केंद्रित हों।

Delhi / New Delhi :

भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज सिविल सेवा दिवस के अवसर पर देश के सभी सिविल सेवकों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “मैं देश के हर सिविल सेवक को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। लोकतंत्र में, शासन में, सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सिविल सेवक विकास की दिशा तय करते हैं। सिविल सेवक नीतियों को जमीनी हकीकत में बदलने का माध्यम होते हैं।” 

भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज जयपुर में फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज़ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, “आज भारत दुनिया का सबसे आकांक्षी देश है। हर व्यक्ति की इच्छाएं और अधिक बढ़ गई हैं। प्रतियोगी बढ़ गए हैं। और वो ओपेरा को कलाकृति से देखना लग गया है। ऐसी परिस्थिति में विकास की धारा थोड़ी भी कम होती है तो लोग बेचैन हो जाते हैं। बेचैनी है इसलिए Civil Services की बहुत बड़ी अहमियत है।”

श्री धनखड़ ने भारत की संघीय शासन व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए कहा “अलग-अलग दल अलग-अलग प्रांतों में शासन करते हैं, जिससे सिविल सेवा की अहमियत और भी बढ़ जाती है। उन्होंने सिविल सेवकों को "संघवाद के वास्तविक प्रहरी और रक्षक" बताते हुए कहा कि इस पावन दिन पर सिविल सेवकों को व्यवस्थित और नियमानुसार कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए।” साथ ही इस अवसर पर उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि “यदि सिविल सेवक राजनीतिक व्यवस्था, राजनेताओं या उद्योग, व्यापार, व्यवसाय और वाणिज्य के चुनिंदा लोगों के साथ गठजोड़ करते हैं, तो इससे सम्पूर्ण व्यवस्था कमजोर हो जाती है। सिविल सेवा का यह अनुचित मेल संघीय व्यवस्था के लिए भी अत्यंत खतरनाक है।”

अपने संबोधन के अंत में, उपराष्ट्रपति ने जयपुर को "विश्व स्तरीय शहर" बताते हुए कहा कि “यह अधिक ध्यान, विकास और सेवा तथा आईटी उद्योगों के केंद्र के रूप में मान्यता का हकदार है। उन्होंने आगे कहा, "हमारे पास गुणवत्तापूर्ण जीवन और व्यंजन प्रदान करने की क्षमता है। परिवार यहां रहना पसंद करेंगे," साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वर्तमान वास्तविकता और इस दृष्टि के बीच अभी काफी अंतर है।

पर्यटन को बढ़ावा देने, ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के निर्माण और स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र में नए अवसरों के सृजन पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने सभी से "स्वयं को फिर से खोजने" का आह्वान किया। उन्होंने विशेष रूप से जयपुर के बारे में कहा कि यह दिल्ली के इतने करीब होने के कारण सेवा और आईटी उद्योग का महत्वपूर्ण केंद्र बनने का अवसर रखता है।

कार्यक्रम के इस अवसर पर माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती डॉ सुदेश धनखड़, राजस्थान सरकार में सहकारिता एवं नागरिक विमानन मंत्री श्री गौतम कुमार डाक, फोरटी के अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल, एवं फोरटी के मुख्य संरक्षक श्री सुरजाराम मील तथा अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।