Himani Narwal Murder: ब्लैकमेलिंग के आरोप और गिरफ्तारी का विस्तृत विश्लेषण

Tue 04-Mar-2025,09:50 PM IST +05:30

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Himani Narwal Murder: ब्लैकमेलिंग के आरोप और गिरफ्तारी का विस्तृत विश्लेषण Himani Narwal Murder Case Report
  • हिमानी की राजनीतिक यात्रा अभी नई थी, लेकिन वह युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच एक उभरते हुए चेहरे के रूप में जानी जाने लगी थीं। 

  • हिमानी नरवाल रोहतक के विजय नगर की 22 वर्षीय निवासी थीं, जो हरियाणा कांग्रेस की एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान बना रही थीं। 

Madhya Pradesh / Jabalpur :

Jabalpur/हरियाणा की कांग्रेस नेत्री हिमानी नरवाल की हत्या का मामला अब सुलझ गया है। 22 वर्षीय युवा नेत्री का शव 1 मार्च 2025 को रोहतक के सांपला बस अड्डे के पास एक सूटकेस में मिला था, जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। 3 मार्च को आरोपी की गिरफ्तारी के साथ इस मामले का खुलासा हो गया है। आरोपी, जिसकी पहचान सचिन के रूप में हुई है, ने नागलोई थाने में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद उसे रोहतक पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि उसने हिमानी की हत्या अपने घर पर ही की थी और हत्या के बाद शव को सूटकेस में छिपाकर फेंक दिया था। आरोपी ने दावा किया कि वह हिमानी का बॉयफ्रेंड था और लंबे समय से उनके बीच संबंध थे, लेकिन हिमानी द्वारा उसे ब्लैकमेल किए जाने और बार-बार अधिक पैसों की मांग करने के कारण उसने यह कदम उठाया।

हिमानी नरवाल का राजनीतिक परिचय और पृष्ठभूमि

हिमानी नरवाल रोहतक के विजय नगर की 22 वर्षीय निवासी थीं, जो हरियाणा कांग्रेस की एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान बना रही थीं। उन्होंने अपने छोटे से राजनीतिक करियर में महत्वपूर्ण पदचिह्न छोड़े थे और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ काम करने का अवसर भी प्राप्त किया था। हिमानी ने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' में भी हिस्सा लिया था, जो उनकी राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक सक्रियता को दर्शाता है। इसके अलावा, वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा के चुनाव अभियानों में भी सक्रिय रूप से जुड़ी रही थीं।

हिमानी की राजनीतिक यात्रा अभी नई थी, लेकिन वह युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच एक उभरते हुए चेहरे के रूप में जानी जाने लगी थीं। उनकी सक्रियता और समर्पण ने उन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की नज़र में ला दिया था। युवा होने के बावजूद, उन्होंने पार्टी के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया और जमीनी स्तर पर पार्टी की विचारधारा को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हरियाणा में कांग्रेस के लिए युवा महिला नेतृत्व के रूप में उनका उभरना शुरू हो गया था, जिससे उनकी अकाल मृत्यु पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है।

सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता भी उल्लेखनीय थी, जिसकी वजह से रोहतक पुलिस की साइबर टीम को अब उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच करनी पड़ रही है। इससे यह पता चलता है कि वह युवा पीढ़ी के साथ तालमेल रखते हुए डिजिटल माध्यमों से भी राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय थीं।

घटना का विवरण और घटनाक्रम

हिमानी नरवाल की मृत्यु के संबंध में घटनाक्रम फरवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू हुआ। उनके परिजनों के अनुसार, हिमानी 20 फरवरी को अपने परिवार के साथ कुंभ स्नान के लिए गई थीं। वह 24 फरवरी को दिल्ली वापस आईं और फिर 25 फरवरी को रोहतक पहुंचीं। परिवार के अनुसार, उनका हिमानी से आखिरी संवाद 27 फरवरी को हुआ था। इसके बाद वह अपने परिवार के संपर्क से बाहर हो गईं, जिससे चिंता बढ़ने लगी।

डीएसपी सांपला, रजनीश कुमार के अनुसार, जिस दिन हिमानी की हत्या हुई, उस दिन सुबह तक वह अपने परिवार के संपर्क में थीं। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि हत्या 27 फरवरी के बाद और 1 मार्च से पहले किसी समय हुई होगी। पुलिस के अनुसार, सूटकेस, जिसमें हिमानी का शव मिला, वह स्वयं हिमानी का ही था। यह एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो दर्शाती है कि आरोपी ने पीड़िता के निजी सामान का उपयोग उसके शव को छिपाने के लिए किया।

1 मार्च 2025 को रोहतक जिले के सांपला बस अड्डे के पास कुछ राहगीरों ने एक संदिग्ध सूटकेस देखा और पुलिस को सूचित किया। जब पुलिस ने सूटकेस खोला, तो उसमें हिमानी नरवाल का शव मिला। इस घटना ने तुरंत हरियाणा में राजनीतिक हलचल मचा दी और मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया।

हिमानी के शव की पहचान होने के बाद, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हत्या के मामले में जांच शुरू की। पुलिस ने हिमानी के घर के आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले और उनके सोशल मीडिया खातों की भी जांच शुरू की। हालांकि, जहां सूटकेस मिला था, वहां कोई सीसीटीवी कैमरा स्थापित नहीं था, जिससे प्रत्यक्ष साक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल था।

निष्कर्ष

हिमानी नरवाल हत्याकांड ने एक बार फिर से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में उथल-पुथल मचा दी है। एक युवा और उभरती हुई नेत्री की हत्या के पीछे व्यक्तिगत कारणों को लेकर चल रही चर्चाएं राजनीतिक विवाद को और गहरा कर रही हैं। पुलिस इस मामले में सभी संभावित कोणों से जांच कर रही है और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे की जांच में क्या नए तथ्य सामने आते हैं। यह मामला न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सार्वजनिक जीवन में सक्रिय लोगों को किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।