जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने से जहां एक ओर लोगों में गहरा शोक है, वहीं दूसरी ओर गुस्सा भी चरम पर है। इसी बीच पाकिस्तान और वहां के कलाकारों को लेकर भी देश में विरोध की लहर उठ खड़ी हुई है। खास तौर पर पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान को लेकर सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
फवाद खान की आने वाली फिल्म 'अबीर गुलाल' को भारत में रिलीज नहीं होने देने की मांग तेज हो गई है। सूत्रों की मानें तो सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है और संकेत दिए हैं कि यह फिल्म भारत में रिलीज नहीं की जाएगी। फिल्म की रिलीज़ डेट 9 मई 2025 तय की गई थी, लेकिन मौजूदा माहौल को देखते हुए इसके प्रदर्शन पर रोक लग सकती है।
'अबीर गुलाल' एक रोमांटिक क्रॉस बॉर्डर फिल्म है, जिसमें फवाद खान के साथ वाणी कपूर मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म का निर्देशन आरती एस. बागड़ी ने किया है और इसमें सोनी राजदान, फरीदा जलाल, लीजा हेडन और राहुल वोहरा जैसे कलाकार भी नजर आएंगे। लेकिन आतंकवादी हमले के बाद फवाद खान की मौजूदगी वाली इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर तीखा विरोध शुरू हो गया है।
लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर है कि पाकिस्तान सरकार ने इस आतंकी हमले पर न तो इसे आतंकवादी कृत्य बताया और न ही इसकी खुलकर निंदा की। पाकिस्तान की इस गैर-जिम्मेदाराना प्रतिक्रिया के बाद लोगों का गुस्सा वहां के कलाकारों पर निकल रहा है। सोशल मीडिया पर हैशटैग के ज़रिए 'अबीर गुलाल' को बायकॉट करने की मांग की जा रही है।
एक यूजर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "क्या हम अभी भी भारत में पाकिस्तानी कलाकार की फिल्म 'अबीर गुलाल' को रिलीज होने देंगे?" वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, "अबीर गुलाल को भारत में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।" एक और यूजर ने तीखा कमेंट करते हुए लिखा, "पाकिस्तानी कलाकारों की फिल्मों को बायकॉट करिए। एक तरफ ये हमारे लोगों को मार रहे हैं और दूसरी तरफ बॉलीवुड इनके साथ फिल्में बना रहा है।"
यह पहली बार नहीं है जब फवाद खान को ऐसे विरोध का सामना करना पड़ रहा है। 2016 में जब 'ऐ दिल है मुश्किल' रिलीज हो रही थी, उस समय भी उरी हमले के चलते पाकिस्तान के कलाकारों के खिलाफ माहौल बना था और उनकी फिल्मों पर बैन लगा दिया गया था। हालांकि, कुछ समय बाद ये बैन हटा दिया गया था।
इस बार फिर वही हालात बनते दिख रहे हैं। सरकार पर दबाव है कि वह इस बार कठोर रुख अपनाए और ‘अबीर गुलाल’ जैसी फिल्मों को रिलीज़ की अनुमति न दे। देश की जनता आक्रोशित है और सोशल मीडिया पर खुलकर विरोध जता रही है। अब देखना यह है कि सरकार इस जनभावना को किस रूप में स्वीकार करती है और क्या फैसला लेती है।