भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ उठाए कड़े कदम
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भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए, सुरक्षा स्थिति पर उच्चस्तरीय बैठक
सर्वदलीय बैठक के पहले अमित शाह, राजनाथ सिंह और जयशंकर ने एक मीटिंग की, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ और आतंकवाद के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की योजनाओं पर चर्चा की गई।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारतीय सरकार को कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ पांच कड़े फैसले लेने के बाद, अब गुरुवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसमें सुरक्षा स्थिति की गंभीरता और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की गई। इस बैठक का उद्देश्य पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करना और भारतीय सुरक्षा को मजबूत बनाना है।
सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया है, जिसमें केंद्र सरकार के कई मंत्री और विपक्षी नेता शामिल होंगे। इसमें राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता बैठक में शरीक हुए हैं। बैठक में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर राजनाथ सिंह, अमित शाह और एस जयशंकर विपक्षी नेताओं को सरकार की रणनीतियों की जानकारी देंगे। यह बैठक देश की सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टिकोण पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
सर्वदलीय बैठक के पहले अमित शाह, राजनाथ सिंह और जयशंकर ने एक मीटिंग की, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ और आतंकवाद के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की योजनाओं पर चर्चा की गई। शाम 6 बजे से सर्वदलीय बैठक शुरू हुई, जिसमें केंद्र और विपक्ष दोनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। केंद्र की तरफ से राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस जयशंकर के अलावा कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय, सपा के राम गोपाल यादव, आरजेडी के प्रेम चंद गुप्ता, आप के संजय सिंह, टीडीपी के कृष्ण देव रायुलु शामिल हुए।
विदेश मंत्रालय (MEA) में भी एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें कई देशों के राजदूतों को तलब किया गया था। इस बैठक में जर्मनी, जापान, पोलैंड, ब्रिटेन और रूस के राजदूतों ने साउथ ब्लॉक स्थित विदेश मंत्रालय के कार्यालय का दौरा किया। इन राजनयिकों को पहलगाम आतंकी हमले की पूरी जानकारी दी गई और भारत की सुरक्षा चिंताओं से अवगत कराया गया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इन राजदूतों को करीब 30 मिनट तक ब्रीफ किया।
चीनी राजदूत जू फेइहोंग को भी विदेश मंत्रालय बुलाया गया था, और उन्हें हमले के पीछे संभावित आतंकी संगठनों, पाकिस्तान की भूमिका और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी गई। यह कदम पाकिस्तान की साजिशों को उजागर करने और वैश्विक स्तर पर भारत के दृष्टिकोण को मजबूती से प्रस्तुत करने के लिए था।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शुक्रवार को खुद स्थिति की समीक्षा करने के लिए पहलगाम जाएंगे। वे बैसरन में हमले की जगह का दौरा करेंगे और सैन्य कमांडरों और स्थानीय अधिकारियों के साथ सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करेंगे। यह कदम आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की दिशा में एक मजबूत संकेत माना जा रहा है, और इससे भारतीय सेना की संकल्पशक्ति और सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता का भी संकेत मिलता है।
इसके साथ ही, सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम और आसपास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। शुरुआती जांच में सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ और उनके स्थानीय नेटवर्क की आशंका जताई गई है। एनआईए, आईबी और सैन्य खुफिया एजेंसियां हमले से जुड़े हर पहलू की गहराई से जांच कर रही हैं। घटनास्थल से बरामद हथियारों और साजो-सामान की जांच की जा रही है, ताकि आतंकियों के स्रोत और समर्थन तंत्र का पता लगाया जा सके।
इस व्यापक सुरक्षा अभियान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ भारत की रणनीति से यह साफ है कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतेगी और आतंकवादियों को बर्बादी के कगार पर पहुंचाने के लिए कठोर कदम उठाएगी।