जेडीयू से मास्टर मुजाहिद आलम का इस्तीफा, वक्फ विधेयक पर असंतोष बढ़ा

Sat 19-Apr-2025,09:14 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

जेडीयू से मास्टर मुजाहिद आलम का इस्तीफा, वक्फ विधेयक पर असंतोष बढ़ा जेडीयू से मास्टर मुजाहिद आलम का इस्तीफा, वक्फ विधेयक पर असंतोष बढ़ा
  • मास्टर मुजाहिद आलम ने वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन के विरोध में जेडीयू से इस्तीफा दिया, जिससे पार्टी में आंतरिक असंतोष बढ़ा है।

  • कई अन्य जेडीयू नेताओं ने भी इस विधेयक के खिलाफ असहमति जताते हुए पार्टी छोड़ दी, जिससे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान हो सकता है।

Delhi / New Delhi :

नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी को वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन के कारण पार्टी के भीतर असंतोष फैल गया है, जिसके चलते कई प्रमुख नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में पार्टी द्वारा संसद में वोटिंग किए जाने के बाद, पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इसका विरोध किया और इस्तीफा दे दिया। इस घटनाक्रम में एक और बड़ा नाम जुड़ा है, जब शनिवार (19 अप्रैल) को पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला लिया।

पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने जेडीयू द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में वोटिंग करने से नाराज होकर यह कदम उठाया। उनका आरोप है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ है और पार्टी की नीति इससे मेल नहीं खाती। मास्टर मुजाहिद आलम ने दावा किया कि उनके इस्तीफे के साथ-साथ कई अन्य कार्यकर्ताओं ने भी जेडीयू से नाता तोड़ लिया है। उनका यह कदम पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि उन्होंने किशनगंज जिले के कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में कार्य किया था और वह किशनगंज जिले के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सीमांचल क्षेत्र के एक बड़े नेता के पार्टी छोड़ने से जेडीयू को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है।

मास्टर मुजाहिद आलम के इस्तीफे के बाद जेडीयू को एक और बड़ा नुकसान हुआ है, क्योंकि इससे पहले भी वक्फ विधेयक के विरोध में कई नेताओं ने पार्टी छोड़ी थी। इनमें नदीम अख्तर, राजू नैयर, तबरेज़ सिद्दीकी अलीग, मोहम्मद शहनवाज़ मलिक और मोहम्मद कासिम अंसारी जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं। इन नेताओं का पार्टी छोड़ने का कारण भी वक्फ बिल के समर्थन को लेकर असहमति था।

वक्फ संशोधन विधेयक में सरकार ने कुछ ऐसे प्रावधान किए थे, जिनसे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सामाजिक मामलों पर नियंत्रण बढ़ सकता था। इस विधेयक को लेकर जेडीयू में आंतरिक मतभेद उभरकर सामने आए हैं, खासकर सीमांचल और बिहार के मुस्लिम समुदाय के बीच। ये नेता और कार्यकर्ता मानते हैं कि इस विधेयक से उनके समुदाय के अधिकारों पर असर पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप, जेडीयू पार्टी की छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ा है और पार्टी को आगामी चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

मास्टर मुजाहिद आलम का इस्तीफा और उनके साथ अन्य कार्यकर्ताओं का पार्टी छोड़ने का फैसला पार्टी के लिए एक गंभीर संकट को जन्म दे सकता है, क्योंकि जेडीयू की राजनीति बिहार के मुस्लिम समुदाय के साथ गहरे रिश्तों पर आधारित रही है। ऐसे में पार्टी को अपने अंदरूनी मतभेदों को सुलझाना होगा और इसे आगामी चुनाव में जनता के सामने साबित करना होगा कि वह मुस्लिम समुदाय के हितों का सम्मान करती है।

इस घटनाक्रम के बाद, यह देखा जाएगा कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी इस स्थिति को कैसे संभालते हैं और वक्फ विधेयक पर पार्टी के भीतर चल रहे असंतोष को शांत करने के लिए कौन से कदम उठाते हैं।